हरदोई। एक वायरल वीडियो ने यूपी की एक ग्राम प्रधान और उसके सपा नेता पिता को मुश्किल में ला दिया है। वो यूपी के हरदोई जिले के एक गांव की प्रधान चुनी गई थी। फिर यूक्रेन में पढ़ने पहुंच गई। बताया जा रहा है कि यूक्रेन में उसके रहने के दौरान उसका पिता ग्राम प्रधान के तौर पर काम करता रहा और सरकारी धन के लेन-देन को भी अंजाम देता रहा। ऐसे में प्रशासन अब पूरे मामले की जांच करा रहा है और पिता-बेटी पर आरोप साबित हो गए, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। अब आपको पूरा किस्सा बताते हैं। सोशल मीडिया पर वैशाली नाम की एक छात्रा का वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में छात्रा कहती दिखी कि वो और हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हैं और भारत सरकार उन्हें वापस लाने के लिए कुछ नहीं कर रही है।
Height of dirty politics
Vaishali Yadav, Who shot a video, claiming she is a Medical Student stuck in Ukraine without any Help from Indian govt is actually a SP Gram Panchayat head.
After getting caught maligning India’s image, She says I did on my Father Mahender Yadav’s behest pic.twitter.com/19va9cC0pc— Bharat (@unni99860) March 2, 2022
इस वीडियो के सामने आने के बाद ये खुलासा हुआ कि वैशाली तो साल 2021 में गांव आई थी और प्रधान भी चुन ली गई थी। प्रधान बनने के बाद वो फिर यूक्रेन चली गई और वहां पढ़ाई करने लगी। वहीं, आरोप है कि वैशाली का पिता महेंद्र यादव बेटी की जगह ग्राम प्रधान के तौर पर कामकाज देखने लगा। महेंद्र पहले खुद ब्लॉक प्रमुख रह चुका है और समाजवादी पार्टी का नेता है। हरदोई जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष मीरा अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि वैशाली तो हरदोई जिले के सांडी ब्लॉक के तेरापुरसेली गांव की प्रधान है।
इस मामले में हरदोई की सीडीओ आकांक्षा राणा का कहना है कि तेरापुरसैली गांव की प्रधान वैशाली डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है कि प्रधान चुने जाने के बाद वैशाली यूक्रेन कैसे चली गई और प्रधान के खातों का संचालन कौन कर रहा है। सीडीओ ने बताया कि फिलहाल बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। जांच में अगर आरोप साबित हुए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में वैशाली और उसके पिता पर जेल की तलवार भी लटक रही है।