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New Parliament Row: नए संसद भवन के उद्घाटन पर बवाल, जानें किस दल ने किया समर्थन, तो किसने किया विरोध

New Parliament Row: विपक्षी दल संविधान का हवाला देकर कह रहे हैं कि संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है, तो ऐसे में इसका उद्घाटन भी राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री अपने द्वारा इसका उद्घाटन कराकर संविधान की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए। वहीं, इस पर अपना विरोध प्रकट करने के लिए विपक्षी दलों ने केंद्र के आमंत्रण का बहिष्कार किया है।

नई दिल्ली। 5 अगस्त 2019 को संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने नया संसद भवन बनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया था। नए संसद भवन के निर्माण की लागत 891 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जिसके बाद यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है। आगामी 28 मई को पीएम मोदी इसका उद्गाटन करने जा रहे हैं। इसके लिए पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा भी तय हो चुकी है, लेकिन विपक्षी दलों ने नए संसद भवन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वजह है इसका पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाना। दरअसल, पीएम मोदी ही नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। जिस पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। विपक्षी दल संविधान का हवाला देकर कह रहे हैं कि संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है, तो ऐसे में इसका उद्घाटन भी राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री अपने द्वारा इसका उद्घाटन कराकर संविधान की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए। वहीं, इस पर अपना विरोध प्रकट करने के लिए विपक्षी दलों ने केंद्र के आमंत्रण का बहिष्कार किया है।

आपको बता दें कि नए संसद भवन में शरीक होने के लिए सभी विपक्षी दलों को केंद्र की ओर से आमंत्रित किया गया है, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं कराए जाने की वजह से विपक्षी दलों ने उद्धाटन समारोह में आने से साफ इनकार कर दिया है, लेकिन आपको बता दें कि कुछ विपक्षी दलों ने सरकार का समर्थन भी किया है, जिसमें मायावती का नाम सुर्खियों में है। मायावती ने सरकार का पक्ष लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि नया संसद भवन केंद्र सरकार के श्रम और महात्वाकांक्षा का परिणाम है। ऐसे में इसका उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा ही किया जाना चाहिए। वहीं मायावती के अलावा सपा नेता राम गोपाल यादव ने भी सरकार का समर्थन किया है। चलिए, आगे इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि किन विपक्षी दलों ने नए संसद भवन को लेकर जारी संग्राम के बीच किसने किसका समर्थन तो किसने किसका विरोध किया है। आइए, जानते हैं…!

21 दलों ने किया विरोध

बता दें कि 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है, जिसमें कांग्रेस का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। दरअसल, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर जारी संग्राम की शुरुआत ही सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ही की थी। उन्होंने ही सबसे पहले ट्वीट कर कहा था कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है। इसके बाद उन्हें माकूल जवाब देने के लिए सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला। जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा कि स्पीकर संसद के संरक्षक होते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। नई संसद के उद्घाटन समारोह का साक्षी बनने के लिए सरकार ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रित किया है। लोग अपनी-अपनी सोचने की क्षमता के हिसाब से रीएक्ट करते हैं। हमें इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

इन दलों ने किया विरोध

21 विपक्षी दलों ने बायकॉट का ऐलान किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल है। आइए , आगे आपको अब उन दलों के बारे में बताते हैं जिन्होंने सरकार का समर्थन किया है ।

इन दलों ने किया सपोर्ट

नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कुल 16 दल साथ आ गए हैं। इन दलों में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), नेशनल पीपल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल – सोनीलाल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, तमिल मनीला कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, आजसू (झारखंड), मिजो नेशनल फ्रंट, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, बीजद और शिरोमणि अकाली दल शामिल हैं।

New Parliament Building

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला 

बहरहाल, अब नए संसद भवन का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें यह मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों किया जाना चाहिए। इस पूरे मसले को लेकर सियासत जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है और सबसे अहम बात यह है कि आगामी दिनों में जब इस पर कोर्ट में सुनवाई होती है, तो क्या फैसला आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।