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Uttarakhand: पहली कैबिनेट बैठक के बाद CM धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर किया ये बड़ा ऐलान

Uttarakhand: आपको बता दें कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला सूबा होगा। गौरतलब है कि सीएम पुष्कर धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया था कि अगर उत्तराखंड में दोबारा उनकी सत्ता आती है तो वह समान नागरिक संहिता को लागू करेंगे।  

नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड में दोबारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत का परचम लहराया। भाजपा ने विपक्ष के चारों खानों के चित्त करते हुए राज्य में जनता का भरोसा जीतते हुए सरकार बना ली है। भाजपा ने राज्य में 70 में 47 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस पार्टी को 2 सीट मिली है। इसके अलावा बसपा और निर्दलीय ने 2-2 सीट जीती है। वहीं बुधवार यानी 23 मार्च को पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं सीएम धामी ने सत्ता में दोबारा आते ही अपना वादा को पूरा किया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने (CM Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को पहली कैबिनेट बैठक की। इस कैबिनेट बैठक में उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर बड़ा निर्णय लिया है।

pushkar singh dhami oath

दरअसल, सीएम धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने आगे ये भी बताया कि अभी वक्त  तय नहीं किया गया है लेकिन कमेटी की रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। आपको बता दें कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला सूबा होगा।

गौरतलब है कि सीएम पुष्कर धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया था कि अगर उत्तराखंड में दोबारा उनकी सत्ता आती है तो वह समान नागरिक संहिता को लागू करेंगे। बता दें कि सीएम धामी ने अपनी कई चुनावी रैलियों में जनता से कई वादों को पूरा करने की बात कही थी जिनमें से एक यूनिफॉर्म सिविल कोड भी था। इसके  मद्देनजर सीएम धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का फैसला किया।

जानिए क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड 

बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान कानून लागू होता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड आने के बाद कोई भी धर्म विशेष अपने मजहबू कानून को नहीं चला सकता है, जैसे कि मुस्लिम धर्म में शरीयत को अधिक महत्वता दी जाती है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने के बाद शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।