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Uttarakhand Madarsa: उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत, गणित और विज्ञान भी पढ़ेंगे छात्र, पुष्कर सिंह धामी सरकार का अहम फैसला

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और किताबों को पढ़ाए जाने से यहां के बच्चे भी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की राह पर चल सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड सकारात्मक भावना के साथ इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

देहरादून। उत्तराखंड में अब मदरसों के छात्र संस्कृत भी पढ़ेंगे। इसका फैसला उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने लिया है। संस्कृत के अलावा उत्तराखंड के मदरसों में अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम वाली किताबें और विषय भी पढ़ाए जाएंगे। अब राज्य के मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अरबी भाषा भी छात्र पढ़ सकेंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने मीडिया को ये जानकारी दी। शादाब शम्स ने बताया कि उत्तराखंड के सीएम सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बच्चों को शिक्षित करने के लिए जिस भी मदद की जरूरत होगी, वो की जाएगी।

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और किताबों को पढ़ाए जाने से यहां के बच्चे भी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की राह पर चल सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड सकारात्मक भावना के साथ इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड में बीजेपी सरकार ने 2022 में मदरसों का सर्वे भी कराया था। राज्य में साल 2016 में 419 मदरसे सरकार में पंजीकृत थे। इनमें से 4 ने बाद में राज्य स्कूली शिक्षा बोर्ड में पंजीकरण करा लिया था। इस तरह अब वहां 415 मदरसे ही हैं। इनमें से सौ से ज्यादा को उत्तराखंड सरकार से मदद भी मिलती है। इन्हीं मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होगा।

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी।

उत्तराखंड में जब राज्य सरकार ने मदरसों का सर्वे शुरू कराया था, तब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया था। धामी ने तब कहा था कि मदरसों का ठीक से सर्वे होना जरूरी है। ये संस्थाएं भी हमारी ठीक होनी चाहिए। इसी वजह से सर्वे का फैसला लिया गया। धामी ने कहा था कि उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की जमीनों पर जो मदरसे बने हैं, उनका भी सर्वे सरकार कराएगी। इसके बाद सर्वे के नतीजे आए और अब इन मदरसों में उत्तराखंड सरकार छात्रों को आधुनिक शिक्षा देने जा रही है।