उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 41 मजदूर पिछले 12 दिन से मलबे के पीछे फंसे हैं। इन मजदूरों को निकालने के लिए बचाव का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। यहां हम आपको मजदूरों के इस बचाव अभियान के बारे में पल-पल की जानकारी दे रहे हैं।
-पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा है कि मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से मलबे को काटने का काम जारी है। उन्होंने बचाव कार्य पूरा होने में और 12 से 14 घंटे लगने की बात कही।
#WATCH उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “हमें उम्मीद है कि जो बाधाएं आनी थीं उसे हम पार कर चुके हैं… अगले 14-15 घंटों में हम 60 मीटर तक पार कर लेंगे, ड्रिलिंग का काम जारी है… 12 से 14 घंटे हमें वहां पहुंचने में लगेंगे। उसके बाद वहां श्रमिकों… pic.twitter.com/2qRSsvUPUi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
-बचाव के काम में एनडीआरएफ को भी लगाया गया है। एनडीआरएफ के डीजी ने उम्मीद जताई कि सबकुछ सही रहा तो आज ही मजदूरों को निकाल लिया जाएगा।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव | NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया, “3 और पाइप जाने के अनुमान है। अगर दिन खत्म होने तक कोई चीज बीच में नहीं आती है तो आज इस अभियान में सफलता मिल जाएगी।” pic.twitter.com/bxEEMh7Fej
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
-उत्तराखंड की सुरंग में 12 दिन से फंसे 41 मजदूरों को आज बचाए जाने की आस बढ़ गई है। ऑगर मशीन से मलबे की खोदाई का काम जारी है। वहीं, डाले जा रहे पाइपों की वेल्डिंग के लिए भी विशेषज्ञ वेल्डर मौके पर पहुंचे हैं।
-उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि अब बचाव का काम अंतिम चरण में है। इससे लग रहा है कि जल्दी ही 41 मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से निकालने में सफलता मिल जाएगी।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami reaches the Silkyara tunnel site where a rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/QXL49pC29j
— ANI (@ANI) November 23, 2023
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says “45 metres of pipeline has been laid through auger machine. The rescue is at its final stages. There are some obstacles,. but I hope that the workers are rescued as early as possible.… pic.twitter.com/FJRkCvX8v7
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ आर्नोल्ड डिक्स ने कहा है कि अब ऐसा है कि जैसे हमारे सामने एक दरवाजा है। जिसके उस पार मजदूर हैं। डिक्स ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को निकाल लिया जाएगा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | International Tunneling Expert, Arnold Dix reaches the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers.
Arnold Dix says “At the moment, it’s like we are there at the front door and we… pic.twitter.com/eBrhdk4LGP
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को जिन पाइप से निकाला जाना है, उनकी वेल्डिंग का काम चल रहा है। उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रुहेला ने बताया है कि सभी मशीनें काम कर रही हैं। पहले खबर आई थी कि खोदाई कर रही ऑगर मशीन खराब हो गई है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Uttarkashi DM Abhishek Ruhela says “We have covered a majority of the distance and there is little work left. Our teams are continuously trying to overcome the technical problems that we are facing. We are taking advice from… pic.twitter.com/HsriUXif0W
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप के जरिए कपड़े, ब्रश और टूथपेस्ट भेजा गया था। मजदूरों ने आज नए कपड़े पहने और 11 दिन बाद टूथब्रश का इस्तेमाल किया। दो मजदूरों ने पेट में दर्द होना बताया। उनको दवा दी गई है। फंसे हुए सभी 41 मजदूरों पर कैमरे से नजर रखी जा रही है। उनसे लगातार बातचीत भी हो रही है।
-उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में 12 दिन से फंसे 8 राज्यों के 41 मजदूरों को बचाने का काम जल्दी शुरू होने की उम्मीद। खराब हुई ऑगर मशीन को ठीक करने दिल्ली से हेलीकॉप्टर के जरिए 7 तकनीकी विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे हैं। मजदूरों तक पहुंचने में अभी करीब 12 मीटर की दूरी बची है।
-पीएमओ में सलाहकार रहे भास्कर खुलबे भी सिलक्यारा सुरंग पहुंच गए हैं। वो पिछले कई दिन से 41 मजदूरों को बचाने के काम पर नजर रख रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर ही मौजूद हैं।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Former advisor to the Prime Minister’s Office, Bhaskar Khulbe reaches the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/dFIMYbwRbM
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सकुशल बचाने के लिए बाहर बाबा बौखनाथ का मंदिर भी स्थापित किया गया था। इस मंदिर में आज सुबह पूजा-अर्चना की गई।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Prayers being offered at a temple that has been built at the main entrance of the tunnel where rescue operations to bring out the trapped workers are underway.
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi on November… pic.twitter.com/T77WyCfS6v
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए चिकित्सा उपकरण भी मौके पर पहुंच गए हैं। इनमें व्हीलचेयर और अन्य सामान हैं। फिलहाल यहां खोदाई करने वाली ऑगर मशीन खराब हो गई है। जिसकी वजह से मजदूरों को बचाने का काम अभी रुका हुआ है। दिल्ली से हेलीकॉप्टर के जरिए 7 तकनीकी विशेषज्ञ पहुंचने वाले हैं। वे ऑगर मशीन को ठीक करेंगे और फिर मलबे में खोदाई कर पाइपलाइन को बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। करीब 10 मीटर मलबे को अभी काटना बाकी है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Medical equipment reach the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/qseYHYMtYY
— ANI (@ANI) November 23, 2023
-उत्तराखंड के सिलक्यारा स्थित सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के बचाव अभियान में एक और रोड़ा अटक गया है। बताया जा रहा है कि जिस ऑगर मशीन से मलबे को काटकर पाइप बिछाई जा रही थी, वो खराब हो गई है। मशीन को ठीक करने के लिए दिल्ली से हेलीकॉप्टर के जरिए तकनीकी जानकारों को भेजा जा रहा है। ऑगर मशीन ठीक होने के बाद मजदूरों को निकालने का काम फिर शुरू होगा। पहले बताया जा रहा था कि कुछ घंटे में ही मजदूरों को बचाने का काम पूरा हो जाएगा।
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर पहुंचे, जहां 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। pic.twitter.com/0C09z6f6PW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
-सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को निकालने का काम सुबह 8 बजे के करीब पूरा हो सकता है। सुरंग में मलबे को काटकर पाइप डाली जा रही है। 800 मिलीमीटर की पाइप डालने से इससे होकर मजदूर बाहर आएंगे। बचाव दल के मुताबिक फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है। देर रात ऑगर मशीन से मलबे को काटा जा रहा था। तभी मशीन के सामने स्टील की कुछ सरिया आ गईं। इन सरियों को गैस कटर से काटा गया है और अब फिर ऑगर मशीन काम कर रही है। ऑगर मशीन से मलबे को पूरा काटने के बाद पाइपों को बिछा दिया जाएगा और मजदूर रेंगकर इस पाइप के जरिए बाहर आएंगे।
#WATCH उत्तरकाशी, उत्तराखंड: 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। pic.twitter.com/hUGvFRp0QW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2023
#WATCH उत्तरकाशी, उत्तराखंड: रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्य गिरीश सिंह रावत ने कहा, “रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है…पाइपलाइन ड्रिलिंग में जो दिक्कत आई थी उसे दूर कर लिया गया है… मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर निकाल लिया गया है…पाइपलाइन डालने की प्रक्रिया चल… pic.twitter.com/CjXyp7qOaK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 22, 2023
-सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को निकालने के बाद उनको निकटतम चिन्यालीसौड़ में स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा। वहां उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र तक मजदूरों को ले जाने के लिए 41 एंबुलेंस को मौके पर लाया गया है। पूरे रास्ते दूसरे वाहनों का आवागमन बंद किया गया है। सिलक्यारा से चिन्यालीसौड़ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इन मजदूरों को वहां ले जाने की तैयारी है। स्वास्थ्य केंद्र में सभी मजदूरों के लिए बेड की व्यवस्था की गई है।
-सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव कार्य पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी की नजर है। पीएम मोदी अब तक 5 बार उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात कर मजदूरों के बचाव अभियान की ताजा जानकारी ले चुके हैं। मोदी ने अपने दफ्तर यानी पीएमओ के अफसरों को भी मौके पर लगाया। यहां रेलवे के लिए सुरंग बनाने वाले इंजीनियर और विदेशी बचावकर्मी भी बुलाए गए थे। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी सीएम धामी के साथ मौके पर पहुंचे थे और मजदूरों के बचाव कार्य का जायजा लिया था।
-उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर को तड़के धंसाव हुआ था। इससे 60 मीटर दूरी तक मलबा सुरंग में फैल गया। इसी मलबे के पीछे मजदूर फंस गए। पहले से मौजूद पानी की पाइपलाइन के सहारे उनको ऑक्सीजन और लगातार भोजन दिया जाता रहा। इसके बाद बीते सोमवार को 800 मिलीमीटर की पाइपलाइन डालने में सफलता मिली। जिसके बाद मजदूरों को ठोस भोजन और अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई की गई। कैमरे को उनतक पहुंचाकर हालचाल जाना गया। सभी मजदूरों के हौसले बुलंद हैं। वो खुद के बचाव के लिए हो रही कोशिश से काफी राहत महसूस कर रहे हैं।
-सिलक्यारा सुरंग को नवोदय इंजीनियरिंग नाम की कंपनी बना रही है। इस कंपनी के काम के तरीके पर सवाल है। सवाल ये है कि जब इतनी लंबी सुरंग बनाई जा रही है, तो उसमें किसी हादसे की आशंका के कारण कोई भी एस्केप टनल क्यों नहीं बनाई गई? अगर एस्केप टनल बना दी गई होती, तो शायद मजदूरों को इतने दिन तक सुरंग में फंसे नहीं रहना पड़ता।