नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में अगामी चुनाव से पहले राज्य में सियासत चरम पर है। सत्ताधारी भाजपा पार्टी समेत सभी दलों के नेता एक दूसरे पर प्रहार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। वहीं वाराणसी में मस्जिद को गुलाबी रंग में रंगने का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक और विवाद वाराणसी से सामने आ गया है। दरअसल वाराणसी में कांग्रेस दफ्तर को गुलाबी रंग में रंग दिया गया है जिसको लेकर अब विवाद शुरु हो गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रास्ते में आने वाली सभी इमारतों को एक ही रंग में रंगा जा रहा है। इसका मकसद है कि एकरूपता के संदेश देने के लिए गुलाबी रंग से पेंट किया जा रहा है।
इसी क्रम में वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बनारस के मैदागिन चौराहे पर स्थित कांग्रेस के महानगर दफ्तर को गुलाबी रंग से रंग दिया। जो दूर से देखने में भगवा जैसा प्रतित हो रहा है। फिर क्या था इसके बाद बवाल शुरू हो गया। इतना ही नहीं कांग्रेस पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर वाराणसी विकास प्राधिकरण को पेंट हटाने को कहा है और साथ ही 36 घंटे का अल्टीमेटम भी दे दिया है। इसके अलावा कांग्रेसियों ने रंग ना बदलने पर विरोध प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दे डाली।
ज्ञात हो कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए शहर के बुलनाला क्षेत्र में स्थित कर्नाघट्टा मस्जिद को भी वाराणसी विकास प्राधिकरण ने गुलाबी कलर से रंग दिया था। जिसपर मुस्लिम समुदाय और मस्जिद से जुड़े लोगों की आपत्ति जताई थी। हालांकि मुस्लिम समुदाय की आपत्ति के बाद प्रशासन ने वापस मस्जिद का रंग सफेद रंग से रंगवा दिया था।