
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के आउटहाउस में 14 मार्च की रात लगी आग में चार-पांच बोरियों में भरे नोट जलने का खुलासा हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय से प्रारंभिक जांच कराई। जस्टिस उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से नोटों से भरी बोरियां जलने के बारे में पूछा, तो उनका कहना था कि वो आग लगने की रात मध्य प्रदेश गए थे और घर में मां और बेटी थीं। जस्टिस यशवंत वर्मा ने ये दावा भी किया कि ये उनके खिलाफ साजिश है और आग से सिर्फ फर्नीचर वगैरा जला। उन्होंने कहा है कि किसी तरह के करेंसी नोट जलने की जानकारी उनको नहीं है। अब जस्टिस वर्मा के इस दावे के उलट जानकारी सामने आई है। उनके घर के पास जले हुए नोटों के टुकड़े मीडिया को मिले। उसका ये वीडियो सामने आया है।
#WATCH | Delhi: Burnt debris seen near the residence of Delhi High Court judge Justice Yashwant Varma. pic.twitter.com/iwpMIcJYi8
— ANI (@ANI) March 23, 2025
मीडिया ने दिल्ली में जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से सिर्फ 22 कदम दूर जले हुए नोटों के टुकड़े बरामद किए हैं। पत्रकारों का दावा है कि इसी जगह से एमसीडी की गाड़ी कचरा उठाकर ले गई। वहीं, टाइम्स नाउ चैनल के पत्रकारों ने ये दावा भी किया है कि एमसीडी के कर्मचारियों ने उनको बताया है कि बीते दिन भी जस्टिस वर्मा के आवास के पास से कूड़ा उठाते वक्त उनको जले हुए कुछ नोट मिले थे। जज के घर नोट मिलने के मामले में ताजा खुलासे से जस्टिस यशवंत वर्मा के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। क्योंकि आग लगने से जो भी फर्नीचर जला, वो उनके आवास के परिसर में ही रखा है। वहीं, आग लगने के बाद के वीडियो से निकाली इस तस्वीर से पता चलता है कि जले हुए नोट पाए गए थे।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज के घर बोरियों में भरे नोट जलने का वीडियो मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने बनाया था। जिसे दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजा था। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सीजेआई संजीव खन्ना को मामले की जानकारी दी। सीजेआई ने जज के घर नोट जलने की घटना की जांच तीन जजों की कमेटी के सिपुर्द की है। अब आवास के पास से जले नोट के हिस्से मिलने के बाद इसे भी जांच का हिस्सा बनाए जाने की उम्मीद है। नजस्टिस वर्मा के पिछले छह महीने के कॉल रिकॉर्ड डेटा भी निकाले गए हैं। साथ ही जांच पूरी होने तक उनके काम करने पर भी सीजेआई संजीव खन्ना ने रोक लगा दी है।