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Communal Violence: झारखंड में जामताड़ा के गांव में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस को करनी पड़ी हवाई फायरिंग
नारायणपुर थाना इलाके के डोकीडीह गांव में सरस्वती प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। इस रास्ते पर एक समुदाय विशेष के लोगों के घर भी हैं। डीजे बजाते हुए जब लोग वहां पहुंचे, तो छतों से पथराव शुरू हो गया।
जामताड़ा। झारखंड के जामताड़ा का डोकीडीह गांव शुक्रवार देर शाम सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसते-झुलसते बचा। यहां सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हो गया। जमकर पथराव होने लगा। कई लोग इस पथराव में घायल हुए। घरों में घुसकर महिलाओं पर हमला करने का भी आरोप उपद्रवियों पर है। हालात बेकाबू होते देखकर पुलि को यहां करीब 15 राउंड हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। फिलहाल यहां बड़ी तादाद में पुलिस तैनात है। जामताड़ा के डीएम फैज अहमद मुमताज के मुताबिक आरोपियों की पहचान की जा रही है। वहीं, एसपी मनोज स्वर्गियारी के मुताबिक शांति समिति की बैठक के बावजूद हिंसा हुई। एसपी के मुताबिक हिंसा की साजिश पहले से रची गई थी।
जानकारी के मुताबिक नारायणपुर थाना इलाके के डोकीडीह गांव में सरस्वती प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। इस रास्ते पर एक समुदाय विशेष के लोगों के घर भी हैं। डीजे बजाते हुए जब लोग वहां पहुंचे, तो छतों से पथराव शुरू हो गया। हिंदी अखबार दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक इस पथराव का जवाब प्रतिमा विसर्जन करने वालों ने भी देना शुरू किया और देखते ही देखते इलाका युद्धभूमि में बदल गया। दोनों तरफ से लोग जुट गए। पुलिस मौके पर पहुंची, तो हालात बेकाबू होते देखकर उसने फायरिंग की। इसके बाद हालात काबू में आ सके। स्थानीय लोगों के मुताबिक पथराव से साफ है कि पहले से साजिश रचकर घरों की छतों पर पत्थर रखे गए थे।
डोकीडीह गांव के लोगों ने दैनिक जागरण को बताया कि उपद्रव और पथराव की आशंका उनको नहीं थी। उनके मुताबिक दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ अचानक इकट्ठा हो गई। घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पीटने का आरोप भी एक समुदाय के लोग लगा रहे हैं। यहां प्रतिमा को पुलिस ने बाद में विसर्जित कराया। मौके पर हालात को काबू में करने और उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को बड़ी तादाद में तैनात किया गया है।