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Akola Tension: महाराष्ट्र के अकोला में मामूली विवाद के बाद दो गुटों में हिंसा, 1 की मौत और 3 घायल, 15 गिरफ्तार

पुलिस के मुताबिक एक मामूली विवाद के बाद हालात बिगड़े। एक वर्ग के लोगों ने बड़ी तादाद में सड़कों पर उतरकर तांडव मचाना शुरू कर दिया। पुलिस ने हालात को संभाला। पूरे अकोला शहर में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस और प्रशासन के मुताबिक अकोला में हालात अभी नियंत्रण में हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनात है।

महाराष्ट्र के अकोला में भी उपद्रव हुआ था।

अकोला। महाराष्ट्र के अकोला में शनिवार को दो गुटों में जमकर हिंसा हुई। ये घटना पुराने शहर के इलाके में हुई। हिंसक भीड़ ने पथराव किया और कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जमकर नारेबाजी हुई। पुलिस के मुताबिक एक मामूली विवाद के बाद हालात बिगड़े। एक वर्ग के लोगों ने बड़ी तादाद में सड़कों पर उतरकर तांडव मचाना शुरू कर दिया। पुलिस ने हालात को संभाला। पूरे अकोला शहर में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस और प्रशासन के मुताबिक अकोला में हालात अभी नियंत्रण में हैं। संवेदनशील इलाकों में बड़ी तादाद में पुलिस को तैनात किया गया है। अकोला में हुई हिंसा का एक वीडियो भी आया है। इसमें उपद्रवी पथराव और गाड़ियों में तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं। ताजा खबर ये है कि हिंसा में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। जबकि, 1 पुलिसकर्मी समेत 3लोग घायल हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक हिंसा के सिलसिले में अब तक पुलिस ने 15 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।

akola violence 2

अकोला की कलेक्टर नीमा अरोड़ा ने मीडिया को बताया कि अभी हालात पर नियंत्रण कर लिया गया है और एक जगह 5 या ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है। धारा 144 का अकोला शहर में कड़ाई से पालन कराने के आदेश पुलिस को दिए गए हैं। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि भीड़ ने मामूली घटना के बाद पुराने शहर के थाने के पास इकट्ठा होकर गाड़ियों में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। हालात बेकाबू होते देखकर अकोला का प्रशासन और पुलिस तुरंत सक्रिय हुए और उपद्रवियों को तितर-बितर कर दिया गया। अकोला के एसपी संदीप घुगे ने बताया कि अब तमाम इलाकों में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा।

अकोला में कुछ दिन पहले ही अकोट फाइल इलाके में भी हिंसा हुई थी। तब भी पुलिस की सख्ती से उपद्रवियों को अपनी मनमानी करने का मौका नहीं मिल सका था। महाराष्ट्र में इससे पहले औरंगाबाद और अमरावती में भी सांप्रदायिक हिंसा हो चुकी है। सीएम एकनाथ शिंदे पहले ही कह चुके हैं कि किसी को भी उपद्रव कर राज्य में शांति भंग करने की मंजूरी नहीं दी जा सकती। इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।