
नई दिल्ली। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद वीके पांडियन के करियर में बड़ा बदलाव आ गया है। कुछ घंटों के भीतर ही पूर्व आईएसएस वीके पांडियन को बड़ी जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला है। उन्हें सीधा ही ओडिशा सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर का कार्यभार संभालने की कमान दे दी गई है।इसके साथ ही वो अपनी सारी रिपोर्ट सीधा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को देंगे। बता दें कि पूर्व आईएसएस वीके पांडियन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व सचिव भी रहे चुके हैं और उन्हें नौकरी छोड़ने के कुछ घंटों के भीतर ही कैबिनेट में बड़ा औदा मिल गया है।
View this post on Instagram
ओडिशा कैबिनेट में मिली बड़ी जिम्मेदारी
ओडिशा सरकार ने वीके पांडियन को ट्रांसफॉर्मेशनल इनिशिएटिव्स(5T) और नवीन ओडिशा के अध्यक्ष के रूप में चुना है। बता दें कि वीके पांडियन का नाम ओडिशा और प्रशासनिक स्तर पर बड़ा नाम है।ओडिशा का विपक्ष कई बार इस बात से नाराज नजर आया है कि वीके पांडियन का जरूरत से ज्यादा ही इंटरफेर सरकार में है और सरकार भी उनकी बातों को तवज्जो देती है। सरकार का हिस्सा न होते हुए भी उनकी बहुत अहम भूमिका रही हैं। कहा तो ये तक जा रहा है कि अगले साल ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसी के मद्देनजर वीके पांडियन को कैबिनेट में बड़ी जगह मिली हैं। विधानसभा चुनाव 2024 में वीके पांडियन की बड़ी भूमिका देखने को मिल सकती हैं।
View this post on Instagram
बन सकते हैं अगले चुनावों में सीएम फेस
कहा तो ये भी जा रहा है कि वीके पांडियन चुनावों में सीएम का चेहरा भी हो सकते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि वीके पांडियन ओडिशा सीएम नवीन पटनायक के बहुत करीबी बताए जाते हैं और नवीन पटनायक उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं और अपने पद का त्याग कर सकते हैं, ऐसे में वीके पांडियन प्लेन बी हो सकते हैं, या पार्टी उन्हें बैकअप के तौर पर अपने पास रखना चाहती हैं।
View this post on Instagram
कौन हैं वीके पांडियन
वीके पांडियन 2000 बैच के आईएएस रहे हैं और उन्होंने इसके सिवा कई और बड़ी जिम्मेदारी संभाली हैं। वीके ने 12 साल तक नवीन पटनायक के सेक्रेटरी के तौर पर काम किया है और बीते दिनों ही स्वेच्छा से अपना कार्यभार छोड़ा है। करियर की शुरुआत 2002 में हुई थी, जहां सबसे पहले वीके की नियुक्ति कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में बतौर सब-कलेक्टर हुई थी। जिसके बाद साल 2005 में वो डीएम बने थे, वो भी मयूरभंज से। जिसके बाद साल 2011 में उन्हें सीएम ऑफिस में तैनाती मिली और फिर सचिव का पद। अब उन्हें कैबिनेट में जगह मिल गई है और अगले चुनाव में सीएम का चेहरा भी हो सकते हैं।