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Watch Video: ‘जब तक जिंदा हैं तब तक BJP नेताओं से..’ सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान

Bihar: समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर अतिथि के रूप में शामिल हुई थी। इस दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दीक्षांत समारोह में अपना संबोधन दे रहे थे तो उनकी भाजपा के प्रति प्रेम छलक उठा। मंच से उन्होंने कहा, जितने लोग हमारे हैं सब साथी हैं…छोड़िए ना भाई.. हम अलग हैं आप अलग हैं..हमारी दोस्त कभी खत्म थोड़ी होगी। जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा।” 

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भाजपा नेताओं को लेकर ऐसा बयान दे डाला है जिसके बाद राज्य में सियासी पारा गरमा सकता है। दरअसल नीतीश कुमार का भाजपा के प्रति दर्द छलका है। सीएम नीतीश ने मोतिहारी में मंच से बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक जिंदा हैं तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती रहेगी। इतना ही नहीं उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को भी कोसा है। बता दें कि पिछले कुछ समय से भाजपा के कई बड़े नेता लगातार दांवे कर रहे है कि बहुत जल्द नीतीश कुमार अपना पाला बदल लेंगे। इतना ही नहीं उनके भाजपा के साथ संपर्क होने के भी कयास लगाए जा रहे है। इसी बीच महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी के दीक्षांत समारोह में सीएम नीतीश कुमार के बयान से खलबली सी मच गई है।

CM Nitish

समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर अतिथि के रूप में शामिल हुई थी। इस दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दीक्षांत समारोह में अपना संबोधन दे रहे थे तो उनकी भाजपा के प्रति प्रेम छलक उठा। मंच से उन्होंने कहा, जितने लोग हमारे हैं सब साथी हैं…छोड़िए ना भाई.. हम अलग हैं आप अलग हैं..हमारी दोस्त कभी खत्म थोड़ी होगी। जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा।”

यहां देखिए वीडियो

नीतीश कुमार के इस बयान के बाद जोर-शोर से तालियां बजने लगती है। मंच पर राष्ट्रपति और राज्यपाल की तरफ देखते हुए उन्होंने बात कही। हालांकि सीएम नीतीश ने खुले तौर पार्टी का नाम नहीं लिया। लेकिन उनका इशारा भाजपा की तरफ था। कार्यक्र में भाजपा के नेता भी शामिल हुए।


बता दें कि नीतीश कुमार ने करीब एक साल पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था और फिर आरजेडी-कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि जेडीयू के खाते में कम सीटें आई थी। फिर भी भाजपा ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया। भाजपा के खाते में 74, जेडीयू 43 सीटे मिली थी।