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Dhirendra Shastri: ‘हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं’, ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री

Dhirendra Shastri: ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए किन्नर अखाड़े के इस फैसले को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया। उन्होंने ANI को दिए बयान में कहा, “समाज को ममता कुलकर्णी के अतीत के बारे में पता है। अचानक से वह भारत आती हैं और उन्हें महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है। इस पर जांच होनी चाहिए।”

नई दिल्ली। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। साधु-संतों की उपस्थिति ने महाकुंभ के धार्मिक महत्व को और बढ़ा दिया है। इसी बीच, एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। इस फैसले पर कई संतों ने आपत्ति जताई है। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेन्द्र शास्त्री ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। रविवार को महाकुंभ में संगम स्नान के बाद उन्होंने कहा, “किसी भी बाहरी प्रभाव में आकर महामंडलेश्वर का पद देना गलत है। यह पद केवल सच्चे संत को ही दिया जाना चाहिए। हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं।”

हिमांगी सखी ने भी जताई नाराजगी

ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए किन्नर अखाड़े के इस फैसले को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया। उन्होंने ANI को दिए बयान में कहा, “समाज को ममता कुलकर्णी के अतीत के बारे में पता है। अचानक से वह भारत आती हैं और उन्हें महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है। इस पर जांच होनी चाहिए।”

बाबा रामदेव का बयान

योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “महामंडलेश्वर का पद साधारण नहीं है। इसे पाने के लिए वर्षों की साधना और तपस्या लगती है। आजकल किसी को भी बिना किसी प्रक्रिया के यह पद दे दिया जा रहा है। यह संत परंपरा के लिए सही नहीं है।”

संत समाज में गहरी नाराजगी

साधु-संतों का कहना है कि संतत्व और महामंडलेश्वर का पद तप और साधना का परिणाम होता है, जिसे प्राप्त करने में वर्षों लगते हैं। ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। संत समाज ने इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।