newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

PM Narendra Modi At Waves Summit 2025 : हमें इंसान को रोबोट नहीं बनने देना है, वेव्स शिखर सम्मेलन में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

PM Narendra Modi At Waves Summit 2025 : प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को कुछ मानवता विरोधी विचारों से बचाने की जरूरत है। वेव्स एक ऐसा मंच है जो इस काम को कर सकता है। हमें इंसान को अधिक से अधिक संवेदनशील बनाना है। उसे और अधिक समृद्ध करना है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में वेव्स शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी बोले, मैं हमेशा कहता हूं, ‘यही समय है, सही समय है’। यह भारत में सृजन करने और दुनिया के लिए सृजन करने का सही समय है। आज, जब दुनिया स्टोरी टेलिंग के नए तरीकों की खोज कर रही है, भारत के पास हजारों सालों की कहानियों का खजाना है और यह खजाना टाइमलेस है, विचारोत्तेजक और वास्तव में वैश्विक है। मोदी ने युवा पीढ़ी को कुछ मानवता विरोधी विचारों से बचाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इंसान को रोबोट नहीं बनने देना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमें एक और महत्वपूर्ण बात याद रखनी चाहिए, आज की युवा पीढ़ी को कुछ मानवता विरोधी विचारों से बचाने की जरूरत है। वेव्स एक ऐसा मंच है जो इस काम को कर सकता है। अगर हम इस जिम्मेदारी से पीछे हट गए तो यह युवाओं के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। मोदी ने कहा, आप सभी के सामने मैं एक और महत्वपूर्ण विषय की चर्चा करना चाहता हूं। यह विषय है किएटिव रेस्पॉन्सिबिलिटी (रचनात्मक जिम्मेदारी)। हम सभी देख रहे हैं कि 21वीं सदी जो एक तकनीक-संचालित सदी है, इसमें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में प्रौद्योगिकी की भूमिका निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में मानवीय संवेदनाओं को बनाए रखने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट की जरूरत है और यह क्रिएटिव वर्ल्ड ही कर सकता है। हमें इंसान को रोबोट नहीं बनने देना है। हमें इंसान को अधिक से अधिक संवेदनशील बनाना है। उसे और अधिक समृद्ध करना है।

मोदी कहते हैं, हम एक ऐसा माहौल बना रहे हैं जहाँ आपके विचारों और कल्पना को महत्व दिया जाए। जहाँ नए सपने को जन्म मिले और आप उन सपनों को साकार करने के लिए सशक्त होते हैं। WAVES समिट के माध्यम से, आपको एक बड़ा मंच भी मिलेगा, जहाँ क्रिएटिविटी और कोडिंग एक साथ होगी, जहाँ सॉफ्टवेयर और स्टोरी टेलिंग एक साथ होगी। पीएम ने कहा, यह भारत में ऑरेंज इकोनॉमी का उदय काल है। कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर, यह ऑरेंज इकोनॉमी की तीन धुरी है। भारतीय फिल्मों की पहुंच अब दुनिया के कोने-कोने तक बन रही है। आज 100 से ज्यादा देशों में भारतीय फिल्में रिलीज होती हैं। विदेशी दर्शक भी अब भारतीय फिल्मों केवल सरसरी तौर से देखते नहीं हैं, बल्कि समझने की कोशिश करते हैं। इसलिए आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक भारतीय सामग्री को सब-टाइटल्स के साथ देख रहे हैं। भारत में OTT इंडस्ट्री ने पिछले कुछ सालों में 10 गुना वृद्धि दिखाई है। स्क्रीन साइज भले ही छोटा हो रहा हो पर स्कोप अनंत है।