
नई दिल्ली। शुष्क हवाओं के कारण मॉनसून का आगे बढ़ना थम गया है। नतीजे में वक्त से तीन दिन पहले मॉनसून भले ही केरल पहुंच गया, लेकिन दक्षिण भारत में बारिश के अलावा देश के तमाम और राज्य भीगने से बचे हुए हैं। अब मौसम विभाग का अनुमान है कि 12 जून के बाद मॉनसून फिर सक्रिय होकर आगे बढ़ सकता है। हर साल जुलाई के पहले हफ्ते तक मॉनसून पूरे देश में छा जाता है और बारिश से तपती जमीन और गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिलती है। खैर, अभी मॉनसून थमा हुआ है, तो मैदानी राज्यों में शिद्दत की गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 9 जून से पश्चिमी राजस्थान और 10 जून से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी और मध्य प्रदेश में एक बार फिर हीटवेव यानी लू का कहर देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस बढ़ने के आसार हैं। इसकी वजह से लोगों को तेज गर्मी का अहसास होगा। मंगलवार तक दिल्ली में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इससे पहले 16 मई 2025 को दिल्ली में इस सीजन का सबसे गर्म दिन था। उस तारीख को दिल्ली में अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था। दिल्ली में हालांकि पिछले दिनों बारिश भी हुई थी। जिससे राजधानी का मौसम सुहाना हुआ था, लेकिन अब तेज धूप से दिल्ली के लोग परेशान हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें, तो बीते दिनों यहां काफी बारिश देखने को मिली थी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 10 जून से एक बार फिर पूर्वोत्तर में मॉनसून की बारिश की झड़ी लगने की उम्मीद है। दक्षिण भारत में भी बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी कर रखी है कि 2024 की तरह इस साल ला नीना प्रभाव के कारण औसत से ज्यादा मॉनसून की बारिश होगी। बता दें कि ला नीना प्रभाव में प्रशांत महासागर का पानी जमीन से ज्यादा गर्म हो जाता है। वहीं, एल नीनो के दौरान समुद्र की सतह का तापमान जमीन के मुकाबले कम होता है और इससे बारिश भी कम होती है।