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Heat Wave Alert: तेज गर्मी झेलने के लिए हो जाइए तैयार, लू चलने के बारे में भी मौसम विभाग ने दिया अलर्ट

Heat Wave Alert: इस साल फरवरी में ही महाराष्ट्र, कोंकण और कर्नाटक के कुछ इलाकों में गर्म हवाएं चलने लगी थीं। दिन ब दिन सूरज की तपिश तेज होती जा रही है। मौसम विभाग ने भी तेज गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने इस बारे में जानकारी दी है।

नई दिल्ली। इस साल फरवरी में ही महाराष्ट्र, कोंकण और कर्नाटक के कुछ इलाकों में गर्म हवाएं चलने लगी थीं। दिन ब दिन सूरज की तपिश तेज होती जा रही है। मौसम विभाग ने भी तेज गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने बताया है कि इस साल अप्रैल से जून के बीच सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है। इस साल पिछली बार से ज्यादा दिन तक लू भी चलेगी। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से बहुत ज्यादा तापमान रहने वाला है। इसके साथ ही अप्रैल से जून तक उत्तर, पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य यानी 4-7 दिन से ज्यादा दिन तक लू भी चलेगी।

मौसम विभाग के मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों में गर्म हवाएं यानी लू चलेगी। उन्होंने बताया कि यूपी के पूर्वी इलाकों, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में इस साल 10 से 11 दिन तक लू चलने के आसार हैं। दक्षिण भारत और उत्तर-पश्चिम के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य रहेगा। वहीं, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत में कुछ जगह सामान्य से कम तापमान भी हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 2024 में लू चलने के दिन 14 साल में सबसे ज्यादा थे।

वहीं, मौसम विभाग ने अप्रैल में बारिश के बारे में भी अनुमान जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल में आमतौर पर 39.2 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार अप्रैल में इस औसत के 88 से 112 फीसदी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने बताया है कि इस साल उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीप वाले भारत के इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। केरल और कर्नाटक में कुछ जगह भूस्खलन और पूर्वोत्तर के असम समेत कई राज्यों में इस साल बारिश के कारण बाढ़ भी आएगी। बता दें कि ला नीना प्रभाव के कारण पिछले साल भी औसत से ज्यादा बारिश हुई थी। इससे असम, बिहार और यूपी के कई जिलों में लोगों को बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ा था।