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Weather Report: वसंत के सुहाने मौसम का इंतजार कर रहे हैं?, मौसम विभाग क्या कह रहा ये भी तो जान लीजिए

Weather Report: मौसम विभाग का ये भी कहना है कि फरवरी में देश के मध्य, पूर्वी और उत्तर-पश्चिम में बारिश भी सामान्य से 20 फीसदी तक कम रह सकती है। बारिश होने से हवा में नमी हो जाती है और गर्मी नहीं सताती, लेकिन नमी की कमी से हवा भी गर्म होगी। इसका असर जीव-जंतुओं के अलावा फसल पर भी पड़ने के आसार हैं। ला नीना के कारण समुद्र की सतह के गर्म हो जाने से इस बार सर्दी में भी अलग तरह का मौसम नजर आ रहा है।

नई दिल्ली। फरवरी का महीना है। तेज धूप है। हालांकि ठंडी हवा भी चल रही है। ऐसे में लोगों को आने वाले दिनों में मौसम सुहाना होने की उम्मीद है। लोगों की इस उम्मीद के बारे में अब मौसम विभाग का अपडेट आया है। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार गर्मी से पहले वसंत का मौसम नहीं आएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ये जानकारी दी है। उनके मुताबिक फरवरी के अंतिम या मार्च की शुरुआत में लोगों को गर्मी लगने लगेगी। जबकि, अप्रैल के पहले हफ्ते तक हर साल मौसम सुहाना रहता है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार उम्मीद से कम ठंड पड़ी है।

मौसम विभाग का कहा है कि अभी से ही दक्षिण भारत में अधिकतम तापमान ज्यादा होने लगा है। आमतौर पर फरवरी के महीने में दक्षिण भारत में 32 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है, लेकिन कई राज्यों में अधिकतम तापमान 33 से 37 डिग्री तक हो गया है। अगर ऐसा ही रहा, तो आने वाले दिनों में उत्तर भारत समेत देश के ज्यादातर इलाकों में ठंड कम हो जाएगी और लोगों को तेज गर्मी का अहसास होने लगेगा। मौसम विभाग के अनुसार 2024 सबसे गर्म साल रहा है। वहीं, 2025 का जनवरी महीना भी इतिहास में तीसरा सबसे गर्म जनवरी रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में फरवरी के अंत तक देश के ज्यादातर हिस्सों में औसत तापमान ज्यादा रहेगा।

मौसम विभाग का ये भी कहना है कि फरवरी में देश के मध्य, पूर्वी और उत्तर-पश्चिम में बारिश भी सामान्य से 20 फीसदी तक कम रह सकती है। बारिश होने से हवा में नमी हो जाती है और गर्मी नहीं सताती, लेकिन नमी की कमी से हवा भी गर्म होगी। इसका असर जीव-जंतुओं के अलावा फसल पर भी पड़ने के आसार हैं। ला नीना के कारण समुद्र की सतह के गर्म हो जाने से इस बार सर्दी में भी अलग तरह का मौसम नजर आ रहा है। इसी ला नीना के कारण 2024 में मॉनसून के दौरान भारत में औसत से ज्यादा बारिश भी दर्ज की गई थी।