लखनऊ। फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर सियासत गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने जहां फिल्म को बैन कर दिया है। वहीं, तमिलनाडु में पीवीआर चेन ने फिल्म की स्क्रीनिंग हिंसा की आशंका में बंद कर दी है। दूसरी तरफ, बीजेपी शासित राज्यों में द केरला स्टोरी को सबके लिए सुलभ बनाने की खातिर टैक्स फ्री किया जा रहा है। पहले मध्यप्रदेश सरकार ने द केरला स्टोरी को टैक्स फ्री करने का एलान किया था। अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी द केरला स्टोरी को टैक्स फ्री कर दिया है। यूपी सरकार की कैबिनेट की बैठक 12 मई को होगी। उस दिन बैठक के बाद अपने सभी मंत्रियों के साथ योगी द केरला स्टोरी देखेंगे।
सीएम योगी और उनके मंत्रियों के लिए द केरला स्टोरी की स्पेशल स्क्रीनिंग लखनऊ के लोकभवन में होगी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह केरल में हिंदू लड़कियों को बरगलाकर उनको आतंकी संगठन आईएसआईएस तक भेजा गया। इसका विरोध केरल सरकार और मुस्लिम कर रहे हैं। उनका कहना है कि फिल्म द केरला स्टोरी में दिखाए गए तथ्य गलत हैं और मुसलमानों की छवि धूमिल करने वाले हैं। वहीं, फिल्म बनाने वालों का कहना है कि इसमें किसी खास संप्रदाय की बात की ही नहीं गई है।
द केरला स्टोरी के प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह ने सोमवार को कहा था कि अगर राज्य सरकारें फिल्म पर बैन लगाती हैं, तो इसके खिलाफ वो कानूनी कदम उठाएंगे। दरअसल, केरल और मद्रास हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी द केरला स्टोरी पर बैन लगाने की अर्जी दी गई थी। तीनों ही कोर्ट में इस अर्जी को खारिज कर दिया गया था। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट तक ने द केरला स्टोरी पर बैन नहीं लगाया, तो पश्चिम बंगाल जैसी राज्य सरकारें क्या इसे बैन कर सकती हैं?