नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इस साल विधान सभा के चुनाव होने वाले है। लेकिन चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई हैं।एक तरफ जहां बंगाल में भाजपा की हवा चल रही है तो दूसरी ओर ममता सरकार में बगावत की आंधी आई हुई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 125 वीं जयंती वर्ष के मौके पर कोलकाता दौरे पर रहेंगे। लेकिन पीएम मोदी के दौरे से पहले मुख्यमत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल शुक्रवार को ममता सरकार में वन मंत्री राजीब बनर्जी (Rajib Banerjee) ने कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे अब ममता को अपना गढ़ बचाए रखना काफी चुनौती पूर्ण रहेगा।
बनर्जी ने वन मंत्री के पद से त्याग पत्र देने के बाद लिखा, “मुझे यह सूचित करते हुए बेहद खेद है कि मैंने वन विभाग में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने कार्यायल से इस्तीफा दे दिया है।” उन्होंने कहा कि राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के पास त्याग पत्र की एक प्रति भेज दी गई है।
बनर्जी ने आगे कहा, “पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना मेरे लिए एक सम्मान की बात रही है। इस अवसर के लिए मैं दिल से अपना आभार व्यक्त करता हूं।”
West Bengal Forest Minister Rajib Banerjee resigns from his office as Cabinet Minister.
His resignation letter reads, “It has been a great honour and privilege to serve the people of West Bengal. I heartily convey my gratitude for getting this opportunity.” pic.twitter.com/EEXl8yzsM0
— ANI (@ANI) January 22, 2021
बनर्जी हावड़ा के डोमजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे और साथ ही हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस के समन्वयक भी रहे थे। वन विभाग का कार्यभार संभालने से पहले वह राज्य के सिंचाई मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं का ममता दीदी से हो रहा है मोहभंग, सर्वे में खुलासा
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। इस चुनाव में अपना परचम लहराने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों की तरफ से पूरी ताकत झोंकी जा रही हैं। वहीं इस पश्चिम बंगाल में जनता का मूड भांपने के लिए एबीपी सी-वोटर ने एक सर्वे किया जिसमें उजागर हुआ है कि, बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि सिर्फ पश्चिम बंगाल में नहीं बल्कि तमिलनाडु, असम और पुदुचेरी में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इन राज्यों को लेकर एबीपी सी-वोटर की तरफ से जनवरी 2021 में हुए सर्वे में सामने आया है कि आगामी चुनाव से पहले इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एक सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकम्बेंसी) देखने को मिली रही है। बता दें कि जहां पुदुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ 21 प्रतिशत लोग हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल में भी ममता सरकार से लोग नाखुश नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि सर्वे में शामिल करीब 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं का पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार से मोहभंग देखने को मिला है। वहीं सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 प्रतिशत लोग तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सरकार से खुश नहीं हैं, जबकि असम में 13 प्रतिशत लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार से नाराज हैं। इस बीच केरल में सर्वेक्षण के अनुसार, 20 प्रतिशत लोग पिनाराई विजयन की सरकार से नाराज हैं।
सर्वेक्षण ने यह भी पाया गया कि पुदुचेरी में मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और उनके शासन के प्रदर्शन से प्रसन्न नहीं है। लगभग 39 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नारायणसामी के काम से ‘संतुष्ट नहीं हैं’, जबकि लगभग 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य शासन के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं।
तमिलनाडु में 31 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे वर्तमान मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से संतुष्ट नहीं हैं, जबकि 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य शासन के कामकाज से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। यह सर्वेक्षण पुदुचेरी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में किया गया और वहां के 45,000 से अधिक प्रतिभागियों से प्रतिक्रियाएं ली गईं।