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Western Disturbance Gives Respite From Heatwave: पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली समेत कई जगह हल्की बारिश और आंधी, जानिए मॉनसून पहुंचने से पहले कब तक मिलती रहेगी गर्मी से राहत

Western Disturbance Gives Respite From Heatwave: इस साल ‘ला नीना’ का प्रभाव है। इसकी वजह से समुद्र का भी तापमान बढ़ गया है। ला नीना के कारण ही इस साल भीषण गर्मी देखने को मिल रही है। ला नीना के कारण बारिश भी अच्छी होती है। पिछले साल तक ‘एल नीनो’ का प्रभाव था। इस वजह से गर्मी भी तेज नहीं पड़ रही थी।

नई दिल्ली। चिलचिलाती गर्मी और भीषण लू से परेशान उत्तर भारत के कई राज्यों में ताजा पश्चिमी विक्षोभ ने राहत दी है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी के कई और हिस्सों में हल्की बारिश और धूल भरी आंधी हुई। इससे तापमान में गिरावट आई। पहाड़ी इलाकों में कहीं-कहीं बर्फ के फाहे भी गिरे। आने वाले एक-दो दिन तक फिलहाल मौसम का मिजाज इन इलाकों में ऐसा ही रहने का अनुमान है।

वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 4 दिन में मॉनसून बिहार, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, ओडिशा, महाराष्ट्र के तमाम और इलाकों और छत्तीसगढ़ तक पहुंच जाएगा। इन इलाकों में पहुंचने के बाद मॉनसून तेजी पकड़ेगा और फिर यूपी और दिल्ली की तरफ बढ़ने लगेगा। दिल्ली में मॉनसून पहुंचने की तारीख अमूमन 27 जून रहती है। माना जा रहा है कि इस तारीख तक मॉनसून के दिल्ली पहुंचने से उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश होने लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई से लेकर सितंबर के आखिर तक मॉनसून मजबूत बना रहेगा।

इस साल ‘ला नीना’ का प्रभाव है। इसकी वजह से समुद्र का भी तापमान बढ़ गया है। ला नीना के कारण ही इस साल भीषण गर्मी देखने को मिल रही है। ला नीना के कारण बारिश भी अच्छी होती है। पिछले साल तक ‘एल नीनो’ का प्रभाव था। इस वजह से गर्मी भी तेज नहीं पड़ रही थी। साथ ही बारिश भी औसत से कम ही हुई थी। मौसम विभाग ने इस साल पहले ही बता दिया था कि भीषण गर्मी का सामना लोगों को करना होगा। मौसम विभाग ने ये भी बताया था कि इस साल अच्छी बारिश भी होगी। हालांकि, जून के महीने में औसतन जो बारिश होती है, उसमें इस बार 20 फीसदी की कमी देखी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि जुलाई से लेकर सितंबर तक मॉनसून की बारिश औसत से ज्यादा हो जाएगी।