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Analysis: ऐसे ही नहीं ज्ञानवापी मस्जिद मामले में भड़काऊ बयान दे रहे ओवैसी, जानिए आखिर क्या है उनकी चाल

अपने भड़काऊ बयानों के लिए पहचाने जाने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी आजकल वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर मुखर हैं। वो तमाम जनसभाएं कर रहे हैं। इन जनसभाओं में ओवैसी कह रहे हैं कि बाबरी के बाद अब वो ज्ञानवापी मस्जिद नहीं खोना चाहते हैं।

हैदराबाद। अपने भड़काऊ बयानों के लिए पहचाने जाने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी आजकल वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर मुखर हैं। वो तमाम जनसभाएं कर रहे हैं। इन जनसभाओं में ओवैसी कह रहे हैं कि बाबरी के बाद अब वो ज्ञानवापी मस्जिद नहीं खोना चाहते हैं। आखिर ओवैसी का इतना जोर ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर क्यों है? इस मसले पर आखिर वो भड़काऊ बयानबाजी क्यों कर रहे हैं? क्या मुसलमानों को उत्तेजित कर वो राजनीतिक हित साधना चाहते हैं? इन तीन सवालों में सबसे प्रासंगिक तीसरा सवाल है। ओवैसी की सियासत हमेशा मुस्लिमों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। ऐसे में उन्हें ये मौका अपनी सियासत चमकाने के लिए मिल गया है।

akhilesh yadav and asaduddin owaisi

दरअसल, इस साल से लेकर अगले साल तक देश के कई राज्यों में चुनाव हैं। इस साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, अगले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, तेलंगाना समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं। ज्यादातर राज्यों में मुसलमान वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। इन्हीं मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने की ये ओवैसी की सियासी चाल हो सकती है। ओवैसी अपनी जनसभाओं में खासकर इस मसले पर कुछ खास दलों को भी घेरते दिखते हैं। इससे भी इन बातों को बल मिलता है कि वो सियासत की वजह से ज्ञानवापी के मसले को इतना तूल दे रहे हैं।

rahul kejriwal and owaisi

ओवैसी ने हाल ही में अपनी एक जनसभा में ज्ञानवापी का मुद्दा जोरशोर से उठाया और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, सपा के अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी AAP के अरविंद केजरीवाल पर सवाल दागे। उन्होंने इन तीनों का नाम लेते हुए जनता के सामने सवाल पूछा कि आखिर ये तीनों ज्ञानवापी पर चुप क्यों हैं? ओवैसी ने बीजेपी के खिलाफ तो आग उगली, लेकिन सबसे ज्यादा जोर उनका विपक्षी नेताओं के नाम लेकर सवाल पूछने पर ही रहा। इससे साफ है कि वो राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, आप और सपा जैसे दलों को पीछे करके अपनी पार्टी को आगे लाने की कोशिश में हैं। क्या ओवैसी कामयाब होंगे? नतीजे चुनाव के बाद पता चलेंगे।