नई दिल्ली। भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी घोषित करते हुए सरकार ने इसे युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का दोषी माना है।
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला संगठन
गृह मंत्रालय के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का उपयोग कर युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित करता है और उन्हें आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और बैठकें आयोजित करने में भी सक्रिय है। मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है, क्योंकि यह संगठन आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
हिज्ब-उत-तहरीर को गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन घोषित किया #hizbuttahrir pic.twitter.com/r21Kge07rH
— NDTV India (@ndtvindia) October 10, 2024
इस्लामी देश और खिलाफत का लक्ष्य
सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर का उद्देश्य लोकतांत्रिक सरकार को गिराकर जिहाद के माध्यम से एक इस्लामी राज्य और खिलाफत स्थापित करना है। इसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित किया गया है। यह संगठन आतंकवाद और अलगाववाद को प्रोत्साहित करता है और भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल रहा है।
यरुशलम से कनेक्शन
हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना 1953 में यरुशलम में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना करना था। यह संगठन कई देशों में प्रतिबंधित है, जिसमें बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। ब्रिटेन ने इसे यहूदी विरोधी संगठन करार दिया था, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
NIA की कार्रवाई
इसके अलावा, NIA ने भी हिज्ब-उत-तहरीर के खिलाफ कार्रवाई की है। हाल ही में तमिलनाडु में इस संगठन से जुड़े एक आरोपी के घर पर छापेमारी की गई, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज़, और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। फैज़ुल रहमान नामक व्यक्ति पर भारत विरोधी साजिश रचने और अलगाववादी एजेंडा फैलाने का आरोप है।