
नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी जनता की बेहतरी पर फोकस किया जा रहा है। इसी के तहत आज से ‘एनपीएस वात्सल्य’ नाम की योजना शुरू हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीएस वात्सल्य योजना का एलान इस साल बजट में किया था। एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों के भविष्य के लिए निवेश कर सकता है। इस योजना के तहत बच्चे के बालिग होने पर उसे जमा की गई रकम और ब्याज का भुगतान हो जाएगा।
कोई भी नागरिक एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश कर सकता है। यहां तक कि जिस बच्चे के नाम पर निवेश होगा, वो बालिग होने के बाद भी योजना को जारी रख सकेगा। एनपीएस वात्सल्य योजना को पीएफआरडीए चलाएगा। एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत निवेश में कई तरह के विकल्प दिए जाएंगे। एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश के 4 विकल्प सरकार ने रखे हैं। एनपीएस वात्सल्य में कम से कम 1000 रुपए का निवेश करना होगा। अधिकतम निवेश की कोई सीमा एनपीएस वात्सल्य में नहीं रखी गई है। अगर एनपीएस वात्सल्य में निवेश की रकम निकालना चाहते हैं, तो ऐसा 3 साल बाद कर सकते हैं। 3 साल बाद उस वक्त तक किए निवेश की रकम का 25 फीसदी निकाला जा सकता है।
अगर कोई 75 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो जाता है, तो उस हालत में एनपीएस वात्सल्य योजना में जमा रकम का हिस्सा निकाला जा सकता है। जिस बच्चे के नाम पर एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश किया गया है, उसके बालिग होने तक 3 बार ही जमा रकम का हिस्सा निकाला जा सकेगा। वहीं, बच्चे के बालिग होने पर अगर निवेश की रकम 2.50 लाख या उससे कम है, तो पूरा पैसा निकाल सकते हैं। अगर इससे ज्यादा रकम है, तो एक बार में 20 फीसदी रकम निकाल सकते हैं। बची रकम से एन्युटी ले सकते हैं। जिससे हर महीने निश्चित रकम मिलती रहेगी। यानी ये एक तरह से पेंशन जैसी योजना बन जाएगी।