
नई दिल्ली। सात महीने पहले की बात है, जब हिंडनबर्ग ने अदानी ग्रुप को लेकर एक या दो नहीं, बल्कि कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद कांग्रेस केंद्र पर हमलावर हो गई थी। कांग्रेस मांग कर रही था कि अदानी के खिलाफ जांच बैठाई जाए, लेकिन सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया,जिस पर राहुल ने सदन जोरदार हमला बोला और एक तस्वीर भी देश के सामने पेश की थी, जिसमें पीएम मोदी और अदानी एक साथ नजर आ रहे थे और उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?
वहीं, अब हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के सात महीने बाद OCCRP ने अदानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं ,जिसे लेकर आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। दरअसल, ओसीसीआरपी ने अपने खुलासे में कहा कि अदानी ने पिछले कुछ सालों में अपने शेयर खऱीदकर उसे स्टॉक एक्सचेंज में निवेश किया। उसे इससे भारी मुनाफा हुआ है और ॉ इस काम में केंद्र की मोदी सरकार ने उसे सपोर्ट किया है , जिसे लेकर अब कांग्रेस का केंद्र पर हमलावर होना लाजिमी है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केंद्र से अदानी प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की है। हालांकि, अदानी उपक्रम ने बयान जारी कह ओसीसीआरपी की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दुर्भावना से प्रेरित बताया है। इस बीच लगातार लोगों के जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ओसीसीआरपी है क्या ?, तो आइए आगे कि रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है ओसीसीआरपी
दरअसल, ओसीसीआरपी एक विदेशी संगठन है। यह खोजी पत्रकारों का समूह है, जिसका पूरा नाम आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट है। इसी ने अदानी पर गुपचुप तरीके से शेयर खऱीदकर उसे स्टॉक एक्सजेंच में निवेश करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि उन्होंने स्टॉक एक्सचेंज में लाखों का निवेश किया है। बता दें कि ओसीसीआरपी की स्थापना साल 2006 में हुई थी। ध्यान दें, एशिया, यूरोप, अफ्रीका और लातिनी अमेरिका के 24 गैर सरकारी लाभ संगठनों ने इसकी स्थापना की है। ओसीसीआरपी को अरबपति इंवेस्टर जॉर्ज सोरोस (George Soros) और रॉकफेलर ब्रदर्स सरीखे लोग वित्तपोषित करते हैं । वहीं, बात अगर जॉर्ज की करें, तो वो मोदी के कट्टर विरोधी हैं। कई मौकों पर वो पीएम मोदी की आलोचना कर चुके हैं। पीएम मोदी ही नहीं, बल्कि वो कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों को निशाने पर ले चुके हैं।
क्या करता है ओसीसीआरपी?
ओसीसीआरपी दावा करता है कि वो विभिन्न देशों के व्यापारिक संगठनों की अनैतिक गतिविधियों पर विशेष निगरानी करता है और कुछ गलत पाए जाने पर उसे बिना किसी परवाह किए सार्वजनिक करता है, ताकि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए , लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अदानी ग्रुप को लेकर जिस तरह ओसीसीआरपी ने आरोप लगाए हैं, उसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया जा रहा है। ध्यान दें, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने सदन में भी इस मसले को लेकर मोदी सरकार की घेराबंदी की थी, लेकिन इसके बाद मोदी सरनेम मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद कर दी गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल जब पहली बार संसद में पहुंचे थे, तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि सत्तापक्ष वाले चिंताविमुक्त रहे , क्योंकि वो अदानी पर कुछ नहीं बोलेंगे, लेकिन अब जिस तरह से ओसीसीआरपी ने अदानी को लेकर बड़े खुलासे किए हैं, उसके बाद राहुल ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी ।