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Hindi Journalism Day 2022: कैसे हुई पत्रकारिता दिवस की शुरुआत?, जानिए क्या है इसका इतिहास?

Hindi patrakarita diwas: हिंदी भाषा का पहला अखबार उदन्त मार्तण्ड था, जिसका अर्थ समाचार- सूर्य है। हालांकि आर्थिक समस्या के चलते इसके कुल 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे इसे हिंदी भाषा का अखबार कहा जाता है लेकिन यह ब्रज और खड़ी बोली के मिश्रित रूप में छपता था।

नई दिल्ली। पत्रकारिता एक वरदान है और हिंदी को पत्रकारिता का पहला चरण कहते हैं। इसके साथ ही हिंदी हमारी मातृ भाषा भी है। वर्तमान में हिन्दी पत्रकारिता ने अंग्रेजी पत्रकारिता के दबदबे को खत्म कर दिया है। हालांकि, पहले देश-विदेश में अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा था, लेकिन आज हिन्दी भाषा का झण्डा लहरा रहा है। हिंदी अखबार उदन्त मार्तण्ड के प्रकाशित होने से 46 साल पहले सन् 1780 में एक अंग्रेजी अखबार छपना शुरू हुआ था।

क्यों मनाया जाता है हिंदी पत्रकारिता दिवस?

३० मई को ‘हिंदी पत्रकारिता’ के रूप में मनाया जाता है। हिंदी भाषा का पहला अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ था, जिसका अर्थ समाचार-सूर्य है। हालांकि, आर्थिक समस्या के चलते इसके कुल 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे। इसे हिंदी भाषा का अखबार कहा जाता है लेकिन ये ब्रज और खड़ी बोली के मिश्रित रूप में छपता था। हिंदी पत्रकारिता दिवस हर साल 30 मई को मनाया जाता है। दरअसल, इसे मनाने की वजह ये है कि इसी दिन साल 1826 में हिंदी भाषा का पहला अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ प्रकाशित होना शुरू हुआ था। इसका प्रकाशन तत्कालीन कलकत्ता शहर से किया जाता था ,और इसे पंडित जुगल किशोर ने शुरू किया था।

कब बंद हुआ उदन्त मार्तण्ड?

उदन्त मार्तण्ड के पहले अंक की 500 कापियां छापी गई थीं, हालांकि, उस समय इस अखबार को ज्यादा पाठक नहीं मिले थे। हिंदी अखबार होने की वजह से कलकत्ता में इसके पाठक न के बराबर थे, इसलिए इसे डाक से अन्य राज्यों में भेजना पड़ता था। हालांकि, डाक से भेजना उस समय का काफी महंगा सौदा था। दरअसल, जुगल किशोर ने अंग्रेज सरकार से कई बार डाक दरों में रियायत का अनुरोध किया ,लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला और आर्थिक तंगी के कारण उदन्त मार्तण्ड ज्यादा दिन तक नहीं छप सका और 4 दिसंबर 1826 को यह अखबार बंद हो गया।