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What Is ULPIN Declared In Budget 2024 In Hindi: क्या है यूएलपीआईएन?, जिसका इस्तेमाल कर अब जमीन से जुड़े झगड़ों और फ्रॉड पर रोक लगाने जा रही केंद्र सरकार

What Is ULPIN Declared In Budget 2024 In Hindi: देश में तमाम ऐसे मामले सामने आते हैं, जब जमीन के मसले पर फ्रॉड होता है। जमीन के मसले पर झगड़े भी होते हैं और एक-एक प्लॉट कई लोगों को बेचने का मामला भी देखने को मिलता है। अब यूएलपीआईएन से ऐसे मामलों पर अगले 3 साल में रोक लगने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। देश में तमाम ऐसे मामले सामने आते हैं, जब जमीन के मसले पर फ्रॉड होता है। जमीन के मसले पर झगड़े भी होते हैं और एक-एक प्लॉट कई लोगों को बेचने का मामला भी देखने को मिलता है। ऐसे में लोग जमीन के चक्कर में दशकों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते हैं। अब लोगों को इस झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार कदम उठाने जा रही है। ऐसा नियम बनने जा रहा है, जिससे जमीन के मसले पर झगड़े और फ्रॉड पूरी तरह रुक जाएंगे। इसे सरकार ने यूएलपीआईएन नाम दिया है। इसे आप भू आधार भी कह सकते हैं।

जमीन के मसलों पर लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ‘भू आधार’ लागू करने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इसका एलान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा है कि देश के सभी गांवों में जमीनों को भू आधार दिया जाएगा। आधार की तरह हर जमीन का एक खास नंबर होगा। वहीं, 2027 तक शहरों में सभी जमीनों के रिकॉर्ड डिजिटल कर दिए जाएंगे। राज्यों को ये दोनों काम करने के वास्ते केंद्र सरकार आर्थिक मदद भी देगी। इससे गांवों, कस्बों और शहरों में जमीन से जुड़े विवाद और फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स हासिल करने में भी सुधार आएगा।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया है कि पूरे देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जमीन से जुड़े सुधार और एक्शन के तहत प्रशासन, नियोजन और प्लानिंग, जमीन की उपयोगिता और भवनों से संबंधित नियम बनाए जाएंगे। अगले तीन साल में इस योजना को लागू करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया है कि ग्रामीण इलाकों में जमीन से संबंधित सभी काम के लिए भू आधार यानी यूनीक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन ULPIN दिया जाएगा। साथ ही सभी नक्शों का डिजिटलीकरण होगा। मौजूदा स्वामित्व के हिसाब से मैप सब डिवीजन्स का सर्वे किया जाएगा। लैंड रजिस्ट्री की स्थापना होगी और किसानों को इस रजिस्ट्री से जोड़ा जाएगा।