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What Is Vadhavan Port In Hindi: क्या है वधावन बंदरगाह?, जानिए देश के लिए किस तरह महत्वपूर्ण होगा ये पोर्ट?

What Is Vadhavan Port In Hindi: देश के पास गहरे समुद्र में सबसे बड़ा बंदरगाह यानी पोर्ट होने जा रहा है। इस साल जून के महीने में केंद्र की मोदी सरकार ने महाराष्ट्र में वधावन बंदरगाह बनाने को हरी झंडी दिखाई थी। महाराष्ट्र के पालघर जिले में बनने जा रहे वधावन पोर्ट की कुल लागत 76000 करोड़ रुपए आंकी गई है।

मुंबई। देश के पास गहरे समुद्र में सबसे बड़ा बंदरगाह यानी पोर्ट होने जा रहा है। इस साल जून के महीने में केंद्र की मोदी सरकार ने महाराष्ट्र में वधावन बंदरगाह बनाने को हरी झंडी दिखाई थी। महाराष्ट्र के पालघर जिले में बनने जा रहे वधावन पोर्ट की कुल लागत 76000 करोड़ रुपए आंकी गई है। वधावन पोर्ट गहरे समुद्र में देश के सबसे बड़े बंदरगाह में से एक होने वाला है। यहां बहुत विशाल कंटेनर जहाज आ-जा सकेंगे। इससे निर्यात के क्षेत्र में भारत की और प्रगति होगी और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी हासिल हो सकेगी। स्थानीय भाषा में इसे वाढवण पोर्ट कहा जाता है। केंद्र सरकार का मानना है कि महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट बनने से आसपास के इलाके में कारोबार और उद्योगों में भी बढ़ोतरी होगी। निर्यात आधारित इकाइयां इस क्षेत्र में तेजी से तैयार होंगी। इसके अलावा वधावन पोर्ट बनने से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू शहर के पास वधावन पोर्ट बनाया जाएगा। वधावन पोर्ट की खासियत ये होगी कि ये अरब सागर और हिंद महासागर से होकर जाने वाले जहाजों के रूट में होगा और सीधा संपर्क देगा। इससे जहाजों के ट्रांजिट समय में कमी आएगी और सामान को एक से दूसरे देश में पहुंचाने का काम कम लागत में आसानी से किया जा सकेगा। अत्याधुनिक तकनीकी के सहारे वधावन पोर्ट को चलाया जाएगा। इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर बेमिसाल होगा। गहरे समुद्र में यहां जहाज अपने बर्थ पर लंगर कर सकेंगे। कार्गो के हैंडलिंग के लिए यहां अत्याधुनिक सुविधा भी जहाजों को मिलेगी। साथ ही वधावन पोर्ट के मैनेजमेंट का काम भी अत्याधुनिक प्रणाली से चलाया जाएगा।

वधावन पोर्ट बनाने के खिलाफ भी आंदोलन हुआ था। लोगों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की आशंका के कारण वधावन पोर्ट बनाने का जोरदार विरोध किया था, लेकिन बाद में सरकार ने फैसला किया कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने की तकनीक वधावन पोर्ट को बनाने में की जाएगी। इसकी वजह से इकोलॉजी को भी बहुत कम खतरा होगा। आम तौर पर पोर्ट बनाने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र से छेड़छाड़ करना पड़ता है, लेकिन वधावन पोर्ट बनाने में इसके कठोर मानकों का पालन किया जाने वाला है। इसकी वजह से वधावन पोर्ट के खिलाफ आंदोलन बंद हुआ।