
नई दिल्ली। पुणे में जीका वायरस के तमाम मरीज मिले हैं। इस वायरस के मरीजों के लिए अभी कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है। जीका वायरस से बचने के लिए कुछ एहतियात बरतने जरूरी हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जीका वायरस होता क्या है, किस तरह फैलता है, जीका वायरस के लक्षण क्या होते हैं और किस तरह आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं?
जीका वायरस मुख्य तौर पर मच्छरों के जरिए फैलता है। एडीज मच्छर जीका वायरस के कैरियर होते हैं। एडीज मच्छर दिन के वक्त ही काटते हैं। इसके अलावा जीका वायरस से पीड़ित मरीज अगर सेक्स करता है, तो उससे भी बीमारी फैलती है। प्रेग्नेंट महिला में अगर जीका वायरस पहुंच जाए, तो वो भ्रूण में भी फैल सकता है। इससे बच्चा कुछ जन्मजात दिक्कतों के साथ पैदा हो सकता है। वैसे आमतौर पर वयस्कों और बच्चों के लिए जीका वायरस खतरनाक नहीं पाया गया है। जीका वायरस शरीर में प्रवेश करने पर कुछ लोगों में शरीर पर दाने, बुखार, सिरदर्द, आंखों का लाल होना और जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं मिलते। जीका वायरस मरीज में लक्षण दिखने से पहले, लक्षण दिखने के वक्त और सभी लक्षण खत्म होने के बाद भी दूसरे में फैल सकता है।
जीका वायरस से बचने के लिए दिन के वक्त एडीज मच्छरों से खुद को बचाएं। इसके लिए मच्छरदानी और पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें। मच्छर भगाने वाले स्प्रे का घर और दफ्तर में इस्तेमाल करें। जीका वायरस से पीड़ित मरीज के साथ यौन संबंध न बनाएं। इसके अलावा जिस शहर में जीका वायरस के मरीज मिल रहे हैं, वहां की यात्रा से लौटने के 3 हफ्ते तक सावधानी बरतें। अगर ये कुछ तरीके आप अपनाते हैं, तो जीका वायरस की चपेट में आकर बीमार पड़ने से बच सकते हैं।