नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक चतुराई भरा जवाब इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। यह वाकया तब हुआ जब उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान एक बेहद दिलचस्प सवाल का सामना करना पड़ा। उनसे पूछा गया कि वह उत्तर कोरिया के साथ डिनर करना पसंद करेंगे या अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के साथ? विदेश मंत्री जयशंकर ने मुस्कुराते हुए इस सवाल का शानदार जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अभी नवरात्रि का समय चल रहा है, इसलिए मैं उपवास करना पसंद करूंगा।” उनके इस जवाब के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोग तालियां बजाने लगे और यह जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर जयशंकर के जवाब की धूम
यह सवाल उन्हें एएनआई के एक कार्यक्रम में किया गया था, जिसके जवाब ने सोशल मीडिया पर लोगों को जमकर प्रभावित किया। कई लोग विदेश मंत्री के इस चतुराई भरे जवाब की सराहना कर रहे हैं। जॉर्ज सोरोस, जो अमेरिकी बिजनेसमैन हैं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक माने जाते हैं। उन्होंने कई बार भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उनकी आलोचना की है और उनके बयानों को भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप के रूप में देखा है।
#WATCH | Delhi: At Kautilya Economic Conclave, EAM Dr S Jaishankar says “The United Nations is like an old company, not entirely keeping up with the market, but occupying the space…What you have today is, yes, there is a UN. At the end of the day, however suboptimal it is in… pic.twitter.com/AFFTf9ScHo
— ANI (@ANI) October 6, 2024
वैश्विक मंच पर जयशंकर के तीखे जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने इस तरह के कठिन सवालों का करारा जवाब दिया हो। इससे पहले भी उन्होंने वैश्विक मंचों पर भारत के हितों की दृढ़ता से रक्षा की है। विशेष रूप से, यूक्रेन युद्ध के दौरान जब भारत ने रूस से तेल का आयात जारी रखा था, तब पश्चिमी देशों की नाराजगी का सामना करते हुए भी जयशंकर ने आलोचकों को कड़े शब्दों में जवाब दिया था।
एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा
इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने वाले हैं। बैठक से पहले उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) पिछले कुछ वर्षों से ठप पड़ा हुआ है। उन्होंने इसके पीछे एक सदस्य देश द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने को कारण बताया।
जयशंकर ने कहा, “यदि आप सभी एक साथ बैठकर सहयोग कर रहे हैं और उसी समय आतंकवाद जैसी गतिविधियाँ जारी रहती हैं, तो यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है कि हम इसे नजरअंदाज करके आगे कैसे बढ़ें।” सार्क एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। हालांकि, इन दिनों यह संगठन निष्क्रिय है और इसके पुनर्जीवित होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।