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Atal Bihari Vajpayee: जब आंखें बंद कर गुस्सा पीने वाले अटल का चढ़ा गया था पारा, फिर संसद में छा गया था सन्नाटा

Atal Bihari Vajpayee: आप हम आपको पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में एक भाषण का किस्सा बताने जा रहा है जब भाषण के दौरान सत्ता पक्ष की टोकाटोकी, गुस्सा सब उनके चेहरे पर दिख रहा है लेकिन इसके बावजूद वो कैसे अपनी बात को आगे बढ़ते हैं आप इस भाषण से समझ सकते हैं।

नई दिल्ली। संसद में बहस और हंगामा तो होता ही रहा है। नेताओं के बीच वाद-विवाद, नोकझोंक होना कोई नई बात नहीं है तीखे शब्द बाण पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भी छोड़ते थे। उस जमाने में भी शब्दों के तीर संसद में बहस के दौरान निकलते थे और विपक्षी और सत्तारूढ़ सांसदों की टोकाटोकी की देखने को मिलती थी लेकिन उस दौर में अटल की वाकपटुता के सभी कायल थे। दिवंगत पीएम के बारे में ये कहा जाता था कि जब अटल जी को गुस्सा आता था तो वो अपनी आंखों को मूंद लिया करते थे। उनकी जिस आदत के सभी कायल थे वो ये थी कि वो कभी भी गुस्से में भी अपनी मर्यादा नहीं लांघते थे। जो लोग सोच रहे हैं कि आखिर आज इन बातों को करने का क्या अर्थ है तो उन्हें बता दें कि ये बातें हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि बीते बुधवार को जिस तरह से लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपत्नी बयान पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा और नोकझोंक हुई। उसे क्या अटल अंदाज में घटित होने से बचाया जा सकता था। आप हम आपको पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में एक भाषण का किस्सा बताने जा रहा है जब भाषण के दौरान सत्ता पक्ष की टोकाटोकी का गुस्सा उनके चेहरे पर दिख रहा था लेकिन इसके बावजूद वो कैसे अपनी बात को आगे बढ़ते हैं आप इस भाषण से समझ सकते हैं।

विरोधियों को हाजिर जवाबी से देते थे जवाब

वैसे तो अटल बिहारी अपनी आलोचना स्वीकार भी करते थे और उन्हें जो बात सही नहीं लगती थी उसका उत्तर भी संयम के साथ देते थे। ऐसा ही नजारा उस वक्त देखने को मिला था जब लोकसभा में अटल कुछ बोल रहे थे। वो बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी बात रख रहे थे। गुजराल सरकार पर तंज भरे लहजे में बोलते हुए अटल बिहारी कह रहे थे कि पटना में पानी भर गया है और वर्तमान सरकार उस पानी को निकालने में असफल रही है। कोईट ये आदेश दे रहा है कि सेना की मदद से उस पानी को निकालो तो इसमें मेरा क्या दोष है?। इसके आगे अटल अपने भाषण में कहते हैं बिहार में प्राइवेट सेनाएं बनी हुई हैं और लोगों का कत्लेआम किया जा रहा है। अटल के इसी बयान पर किसी सदस्य ने उन पर आरोप लगाया कि आप हिंदुस्तान की सबसे भ्रष्ट सरकार का समर्थन कर रहे हैं। जिस पर अटल कहते हैं आप प्रस्ताव ले आइए। फिर यहां से सदन में जो रूप अटल का देखने को मिला वो रूप अभी तक देखा नहीं गया था।

अचानक बोलते-बोलते चुप हो गए अटल

जब लगातार टोका टोकी से अटल परेशान हो जाते हैं तो कहते हैं कि अगर ये टोकाटोकी बंद नहीं होती तो मैं नहीं बोलूंगा। ये कहकर अटल नाराज होकर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। पूर्व पीएम अटल का ऐसा गुस्सा कभी किसी ने नहीं देखा था। वहीं, जब अटल बैठ जाते हैं तो सदन में शांति छा जाती है। अटल को नाराज देख विपक्षी नेता और पूर्व पीएम चंद्रशेखर मामला संभालते हैं और कहते हैं कि “हमारे जैसे बहुत से लोग चाहते हैं कि अटल जी अपना भाषण पूरा करें। 40 मिनट में इस तरह से टोकाटोकी हो रही है, मैं सम्मानित सदस्यों से ये आग्रह करूंगा कि कोई ऐसी बात नहीं कह सकते वो जिसका वो जवाब नहीं दे सकते। मेरा सभी सदस्यों से निवेदन है कि अटल जी के भाषण में जो बार-बार हस्तक्षेप किया जा रहा है वो न करें।” नीचे देखिए वीडियो…