
उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की फाइल फोटो। नूपुर के मामले में इनकी हत्या हुई थी।
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से टेलर का काम करने वाले कन्हैयालाल को दो हत्यारों ने चाकुओं से वार कर मार डाला। इस मामले की पूरे देश में गूंज है और अब ये खुलासा भी हुआ है कि भाईचारा निभाने की जगह कन्हैयालाल को हत्यारों के लिए ‘चारा’ बनाने का काम कन्हैयालाल के मुस्लिम पड़ोसी ने ही निभाया। ठीक उसी तरह, जैसे फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में दिखाया गया था कि पड़ोसी ने ही आतंकियों को हिंदू की हत्या का सुराग दिया था। अपनी हत्या का अंदेशा कन्हैयालाल को था। उन्होंने उदयपुर के धानमंडी थाने में इसकी आशंका जताते हुए तहरीर भी दी थी। कन्हैयालाल ने अपनी तहरीर में पड़ोसी अहमद नईम के बेटे नाजिम का नाम लिखा था। उन्होंने लिखा था कि नाजिम ने उनको बताया है कि उसने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया है।
15 जून को थाने को दी गई तहरीर में कन्हैयालाल ने नाजिम और उसके साथियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने बताया था कि दुकान की रेकी की जा रही है। हमेशा पांच-सात लोग वहां घूमते रहते हैं। कन्हैयालाल ने थाने में दी गई तहरीर में लिखा था कि पता चला है कि उनकी हत्या की साजिश रची गई है। उन्होंने ये भी लिखा था कि मुस्लिम समाज के वाट्सएप ग्रुप पर उनकी फोटो वायरल की गई है और लिखा गया है कि ये शख्स कहीं भी दिखे, तो उसे जान से मार दो। कन्हैयालाल ने ये भी लिखा था कि उनपर दुकान न खोलने का दबाव है। इस मामले की जांच के लिए थानाध्यक्ष ने एएसआई भंवरलाल को जिम्मेदारी भी सौंपी थी। उसने नामजद लोगों को गिरफ्तार करने की जगह कन्हैयालाल से उनका समझौता करवा दिया।
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) June 28, 2022
ताजा जानकारी के मुताबिक उदयपुर के एसएसपी ने एएसआई भंवरलाल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, राज्य सरकार ने मृतक कन्हैयालाल के परिवार को 31 लाख का मुआवजा देने और परिवार के दो सदस्यों को संविदा पर नौकरी देने का एलान किया है। अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जब कन्हैयालाल ने नामजद तहरीर देते हुए खुद की जान को खतरा बताया था, तो पुलिस ने आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की। सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि घटनाक्रम की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। वो हर पहलू को देखकर इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करेगी।