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Watch Video: मैक्रों संग चाय की चुस्की लेने के बाद जब PM मोदी ने किया UPI से पेमेंट, तो निहारते रह गए फ्रांस के राष्ट्रपति

Emmanuel Macron In India: पीएम मोदी और मैक्रों के बीच आत्मीयपूर्ण वार्ता दिखी। इस दौरान पीएम मोदी ने मैक्रों को राम मंदिर का मॉडल भी भेंट किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने गर्मागर्म चाय की चुस्की का स्वाद चखा, जिसका भुगतान प्रधानमंत्री यूपीआई से किया।

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह में राजकीय मेहमान के तौर पर हिस्सा लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत पहुंचे चुके है, जहां उन्हें राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रिसीव किया। इसके बाद उन्हें जयपुर ले जाया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुलंदशहर में सभा को संबोधित करने के बाद जयपुर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात इमैनुएल मैक्रों से हुई। इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच अद्भुत आत्मीयता देखने को मिली। राममय माहौल के बीच दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने रोड शो भी किया, जिसमें लोगों ने जय श्री राम और मोदी-मोदी के नारे लगाए।

उधर, पीएम मोदी और मैक्रों के बीच आत्मीयपूर्ण वार्ता दिखी। इस दौरान पीएम मोदी ने मैक्रों को राम मंदिर का मॉडल भी भेंट किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने गर्मागर्म चाय की चुस्की का स्वाद चखा, जिसका भुगतान प्रधानमंत्री ने यूपीआई से किया। ऐसा करके पीएम मोदी ने मैक्रों के समक्ष यह संदेश देने की कोशिश की कि आज की तारीख में भारत में तकनीक ने हर स्तर पर अपनी पैठ बना रखी है। चाहे आप किसी बड़े मॉल में खऱीदारी करने जाए या किसी छोटे से दुकान में चाय की चुस्की का जायका चखे। आपको हर जगह किसी ना किसी तरह से तकनीक का हस्तक्षेप देखने को मिल ही जाएगा, जिसकी बानगी आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति के समक्ष पेश कर दी है।


इस दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतों की भव्यता से भी रूबरू कराया। वहीं, कल गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। जिस पर भारत ने खुशी जाहिर की थी। इसके बाद दोनों राष्ट्राध्य़क्षों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। बता दें कि पहले यह न्योता अमेरिका के राष्ट्रपति को भेजा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर शामिल होने के प्रति अपनी असमर्थता जताई, जिसके बाद यह न्योता मैक्रों को भेजा गया।