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When President Draupadi Murmu Became A Teacher : जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनीं टीचर, बच्चों को जन्मदिन पर विशेष काम करने की दी सीख

When President Draupadi Murmu Became A Teacher : राष्ट्रपति ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले नौवीं कक्षा के स्टूडेंट्स से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं और उनसे बहुत सी चीजें सीखने को मिलती हैं। आज के बच्चे साइंस और कम्प्यूटर युग के बच्चे हैं, अपनी उम्र के हिसाब से उनको ज्यादा ज्ञान है। राष्ट्रपति ने ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर विषय पर भी बच्चों से बात की।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद आसीन होने के दो वर्ष पूरे होने पर आज द्रौपदी मुर्मू एक टीचर की भूमिका में नज़र आईं। राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले नौवीं कक्षा के स्टूडेंट्स से उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने स्टूडेंट्स बहुत सी बातें करते हुए उन्हें कई तरह की सीख दी। क्लास में पहुंचकर राष्ट्रपति ने कहा कि मैं बहुत दिनों से आप सबसे मिलने की सोच रही थी। आज के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं और उनसे बहुत सी चीजें सीखने को मिलती हैं। आज के बच्चे साइंस और कम्प्यूटर युग के बच्चे हैं। अपनी उम्र के हिसाब से उनको ज्यादा ज्ञान है।

सबसे पहले राष्ट्रपति ने स्टूडेंट्स से उनका नाम पूछा। इसके बाद राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनके पसंदीदा विषय पर बात की और आगे चलकर जीवन में उनकी क्या बनने की मंशा है ये भी जाना। राष्ट्रपति ने ग्लोबल वार्मिंग जैसे गंभीर विषय पर भी बच्चों से बात की। उन्होंने कहा कि हमको 6 प्रकार के मौसम के बार में पढ़ाया गया था लेकिन उनमें से हम सिर्फ तीन सर्दी, गर्मी और बरसात को महसूस करते हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा गर्मी का प्रभाव रहता है और इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग है। इसका प्रभाव सिर्फ मनुष्यों ही नहीं जानवरों और संपूर्ण प्रकृति पर पड़ रहा है।

राष्ट्रपति ने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए क्या करना चाहिए इस पर भी विद्यार्थियों से बात की। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने, जंगल को सुरक्षित करने, जल संरक्षण करने और लोगों को जागरुक करने की सीख दी। उन्होंने बच्चों से मदर्स डे और अर्थ डे के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम पर’ अभियान के बारे में बच्चों को बताते हुए द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों को हर साल जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने की सीख दी।