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Indian Railway : जब सामने से आ रही थी ट्रेन, इंजन में बैठे थे रेल मंत्री और फिर… अश्विनी वैष्णव ने बताया ‘कवच’ परीक्षण का अनुभव..

Indian Railway : रेल मंत्री उंस वक्त खुद इंजन में लोको पायलट के हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे। इस परीक्षण को लेकर रेल मंत्री द्वारा एक मिनट का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें लोकोपायलट वाले केबिन में रेल मंत्री समेत अन्य अधिकारी नजर आ रहे हैं।

नई दिल्ली। यूरोपीय प्रणाली के आधार पर भारत में भी अब ट्रेनों में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम को प्रयोग किया जा रहा है। इसके बारे में बातचीत करते हुए एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोगों को अपनी उस अनुभव के बारे में बताया जब ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम ‘कवच’, के परीक्षण के लिए वह खुद एक ट्रेन में मौजूद थे, और सामने से उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन चली आ रही थी। रेल मंत्री ने बताया कि कैसे 400 मीटर के फासले पर दोनों ट्रेनें रुक गई। उन्होंने कहा कि एक इंजीनियर होने के नाते वह इस परीक्षण के दौरान बेहद सहज रहे और उन्होंने यह रिस्क लिया। यूरोप में वर्तमान में जिस प्रणाली को इस्तेमाल किया जा रहा है वह L-2 (लेवल 2) की है और भारत में जिस प्रणाली को इस्तेमाल किया जा रहा है वह लेवल-3 की है। इस प्रणाली के भारतीय ट्रेनों में इस्तेमाल किए जाने के बाद ट्रेनों की आपस में संभावित टकराने की घटनाएं भविष्य में बचाई जा सकती है।

आपको बता दें कि इस तकनीक को भारत में ही विकसित किया गया है। स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण कर भारतीय रेलवे ने नया इतिहास रच दिया है। कुछ समय पहले ट्रेन में बैठ कर रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव ने ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण किया। दरअसल देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन भारतीय रेलवे में सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को रेलवे ने ‘कवच’ का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान खुद रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव इंजन में लोको पायलट के साथ उपस्थित रहे।

आपको बता दें कि ये परीक्षण सिकंदराबाद में किया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर गुल्लागुड़ा रेलवे स्टेशन से आने वाली ट्रेन में मौजूद थे और दूसरी ओर से चिठिगुड़ा रेलवे स्टेशन के तरफ से आने वाली लोको में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के त्रिपाठी मौजूद थे। दोनों इंजन एक दूसरे के सामने आकर खड़ी हो गई।

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रेल मंत्री उंस वक्त खुद इंजन में लोको पायलट के हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थे। इस परीक्षण को लेकर रेल मंत्री द्वारा एक मिनट का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें लोकोपायलट वाले केबिन में रेल मंत्री समेत अन्य अधिकारी नजर आ रहे हैं।