मुंबई। मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया हंगामा शुरू होने वाला है। उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन आयोग (ईसी) ने एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में शुक्रवार को मान्यता दी और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया। चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र देश से खत्म हो गया है। उन्होंने आयोग के फैसले को लोकतंत्र के लिए घातक बताया। बता दें कि पार्टी पर नियंत्रण के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पृष्ठों के अपने आदेश में, आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘‘मशाल’’ चुनाव चिह्न रखने की परमिशन दी।
इसके बाद निर्वाचन आयोग के निर्णय पर उद्धव ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा, “हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को अलग कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।” मोदी यहां नहीं चलते- उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो लोकतंत्र कब तक बचेगा।”
इसके साथ ही निर्वाचन आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “उन्हें पहले बालासाहेब को समझना चाहिए। उन्हें पता है कि ‘मोदी’ नाम महाराष्ट्र में काम नहीं करता है इसलिए उन्हें अपने फायदे के लिए बालासाहेब का मुखौटा अपने चेहरे पर लगाना होगा।” उद्धव ठाकरे ने कहा, “आपातकाल के बाद पूरा देश उसके खिलाफ एकजुट हो गया और यहां तक कि इंदिरा गांधी जैसी नेता को भी हार का सामना करना पड़ा। लड़ने का समय आ गया है। बिना यह पूछे कि विकल्प कौन है। यह सिर्फ शिवसेना के खिलाफ लड़ाई नहीं है। यह भारतीय लोकतंत्र पर हमला है। यह भारतीय लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ है।”