
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स की दरों के बारे में भी एलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई इनकम टैक्स रिजीम की दरों में बदलाव होगा। इसके अलावा उन्होंने नौकरीपेशा वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी मानक कटौती को भी 50000 रुपए से बढ़ाकर 75000 रुपए करने की बात कही। ऐसे में नई इनकम टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद दिख रही है। इसकी वजह ये भी है कि पुरानी इनकम टैक्स रिजीम में किसी और राहत का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नहीं किया है। हालांकि, अगर आपकी आय कम है, तो ही नई इनकम टैक्स रिजीम फायदे का सौदा हो सकती है।
दरअसल, नई इनकम टैक्स रिजीम में 3 लाख तक इनकम टैक्स को शून्य रखा गया है। नई रिजीम में 3 से 7 लाख पर 5 फीसदी और 7 से 10 लाख तक 10 फीसदी इनकम टैक्स रखा गया है। ध्यान रखने की बात है कि नई इनकम टैक्स रिजीम में आपको सिर्फ स्टैंडर्ड डिडक्शन की कटौती का ही फायदा मिलता है। अन्य किसी तरह की कटौती मसलन होम लोन, मकान किराया वगैरा का फायदा आपको नई इनकम टैक्स रिजीम में नहीं मिलता। ऐसे में सालाना 7.75 लाख से कम की इनकम के दायरे में अगर आप आते हैं, तो आपको एक पैसा भी टैक्स नहीं देना है। इससे ऊपर की इनकम होते ही आप 10 फीसदी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे।
वहीं, अगर आप नौकरीपेशा या पेंशनर हैं और आपकी सालाना आय ज्यादा है, तो पुरानी इनकम टैक्स रिजीम फायदेमंद है। पुरानी इनकम टैक्स रिजीम में आपको लोन, मकान किराया, 80सी के तहत 1.5 लाख तक की बचत पर छूट, हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है। अगर ये सभी आप गिनते हैं, तो 10 लाख सालाना तक की आय पर एक पैसा इनकम टैक्स नहीं देना होगा। तो अगले साल जब आप रिटर्न भरें, तो इस पर गौर करें कि नई इनकम टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर रहेगी या पुरानी वाली में कटौतियों का आप फायदा उठाएंगे।