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Parliament Security Breach: लोकतंत्र के मंदिर की अस्मिता पर प्रहार करने वालों की खैर नहीं, अब छठे आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Parliament Security Breach: 13 दिसंबर को संसद की कार्यवाही के दौरान एकाएक कुछ लोग दर्शक-दीर्घा में दाखिल हो गए और लोकसभा स्पीकर के चेयर की ओर जाने का प्रयास किया। वो तो शुक्र है कि सांसदों ने बिना कोई मौका गंवाए उन्हें पकड़कर पहले तो उनकी खूब पिटाई और इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों के हाथों सौंप दिया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई।

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छठे आरोपी महेश कुलावत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुलावत को राजस्थान के नागौर जिले से गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती पूछताछ में उसने पुलिस के समक्ष इस मामले को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। उसने इस बात को भी कबूला है कि मुख्य आरोपी ललित झा ने इस पूरे वारदात को अंजाम देने के बाद उसके यहां ही आकर शरण ली थी। फिलहाल, कुलावत से पूछताछ का सिलसिला जारी है।

वहीं, आपको बता दें कि इस पूरी घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड ललित झा ने गुरुवार की रात को ही पुलिस को सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में ले जाया गया, जहां से उसे सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके अलावा इस पूरे मामले को लेकर उसके पिता से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हो रही है कि उनके बेटे ने इस तरह की हरकत की है, लेकिन कुछ यहां तक दावा कर रहे हैं कि इस पूरे मामले में कोई दूसरा शख्स भी शामिल हो सकता है। ये लोग सिर्फ मोहरे हैं।

उधऱ, इस पूरे मसले को लेकर बयानों का दौर भी जारी है। राहुल गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। राहुल ने जहां बेरोजगारी की आड़ लेकर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का पक्ष लिया, तो वहीं दूसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस नेता के सुर में सुर मिलाने से गुरेज नहीं किया। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि यह समय सियासी रोटियां सेंकने का नहीं, बल्कि एकजुट होने का है, लेकिन विपक्ष लगातार इस पूरे मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं, मगर अभी तक उनका कोई बयान सामने नहीं आया है। इतना ही नहीं, बीते दिनों खरगे ने राज्यसभा के सभापति को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले की विधिवत जांच की मांग की थी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। उधर, इस पूरे विवाद को लेकर लोकतंत्र के मंदिर में जारी हंगामे को ध्यान में रखते हुए अब तक 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इलके अलावा आगामी 22 दिसंबर तक संसद के शीतकालीन सत्र के स्थगित भी कर दिया गया है, जिसे लेकर विपक्षियों ने नाराजगी भी जाहिर की है। इतना ही नहीं, हंगामा करने के आरोप में राज्यसभा से निलंबित किए गए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के प्रकरण को विशेषाधिकार समिति को भी भेज दिया गया है।

आपको बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की कार्यवाही के दौरान एकाएक कुछ लोग दर्शक-दीर्घा की ओर कूद पड़े थे और इसके बाद लोकसभा स्पीकर की कुर्सी की ओर जाने का प्रयास किया है। वो तो शुक्र है कि सांसदों ने बिना कोई मौका गंवाए उन्हें पकड़कर पहले तो उनकी खूब पिटाई और इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों के हाथों सौंप दिया, जहां उनसे पूछताछ की गई। उधर, इस प्रकरण के बाद संसद की सुरक्षा में इजाफा किया गया है। इसके अलावा हर गतिविधियों पर निगरानी के बाबत संसद परिसर के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। फिलहाल, पूरे मसले की जांच जारी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम