
नई दिल्ली। संगम नगरी में रविवार को एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की विधवा लॉरेन पॉवल जॉब्स संगम के तट पर नजर आईं। उनके साथ निरंजनी अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि भी मौजूद थे। इस मौके पर दोनों की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा। सस्वामी कैलाशानंद गिरि, जिन्हें केवल 48 वर्ष की उम्र में आचार्य महामंडलेश्वर का गौरव प्राप्त हुआ, आध्यात्मिक जगत में एक प्रतिष्ठित नाम हैं।
कौन हैं कैलाशानंद गिरि?
स्वामी कैलाशानंद गिरि का जन्म 1 जनवरी 1976 को बिहार के जमुई जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। यह इलाका देवघर के पास स्थित है। बचपन में ही उन्होंने सांसारिक जीवन त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग चुन लिया। संतों की संगति में रहते हुए उन्होंने वेद, पुराण, उपनिषद और योग का ज्ञान अर्जित किया।
Steve Jobs की पत्नी Laurene Powell महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचीं#MahaKumbhMela2025 #महाकुंभ_2025_प्रयागराज #MahaKumbh2025 #MahaKumbh #SanatanaDharma #Spain pic.twitter.com/NbS27uQpap
— News18 Bihar (@News18Bihar) January 13, 2025
महामंडलेश्वर की अनोखी साधना
स्वामी कैलाशानंद गिरि को 2013 के प्रयागराज महाकुंभ में अग्नि अखाड़े ने महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया। मानसून के दौरान भगवान शिव का महारुद्राभिषेक करने की उनकी विशेष साधना लोगों के बीच जिज्ञासा का विषय बन गई। वह पूरे मानसून के दौरान मौन व्रत रखकर रोजाना 14 घंटे तक भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते थे, जिसे देखने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु दक्षिण काली मंदिर में जुटते थे।
निरंजनी अखाड़ा और कैलाशानंद गिरि
2018 में अग्नि अखाड़े के प्रमुख श्री गोपालानंद ब्रह्मचारी के देहांत के बाद कैलाशानंद गिरि को सभी आश्रमों की जिम्मेदारी सौंपी गई। निरंजनी अखाड़ा, जिसे 904 ईस्वी में गुजरात के मांडवी में स्थापित किया गया था, वर्तमान में देश के सबसे बड़े अखाड़ों में से एक है। इसमें लगभग 19 लाख नागा साधु हैं, जिनमें से अधिकांश शिक्षित हैं।
#WATCH | Prayagraj, UP | Laurene Powell Jobs, wife of the late Apple co-founder Steve Jobs reached Spiritual leader Swami Kailashanand Giri Ji Maharaj’s Ashram pic.twitter.com/y20yu7bDSU
— ANI (@ANI) January 12, 2025
स्टीव जॉब्स की विधवा लॉरेन पॉवल जॉब्स की उपस्थिति ने इस पूरे आयोजन को खास बना दिया। संगम तट पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे कैलाशानंद गिरि और लॉरेन पॉवल जॉब्स को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। निरंजनी अखाड़ा, जिसके मुख्य देवता भगवान कार्तिकेय हैं, आज भी अपनी परंपराओं और संस्कारों के कारण विशेष स्थान रखता है।