newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ashwini Kumar: कौन हैं अश्विनी कुमार, जिन्होंने कांग्रेस से 40 साल पुराना नाता तोड़ लिया

Ashwini Kumar: अब एक नज़र अश्विनी कुमार के पॉलिटिकल बैकग्राउंड पर भी डालते हैं, अश्विनी कुमार साल 1976 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। वे गुरुदासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव बनाए गए थे। एक दशक बाद उन्हें राज्य कांग्रेस में पदाधिकारी नियुक्त किया गया।

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस बीते कई सालों से अंतर्कलह और आपसी मतभेदों से जूझ रही है। अस्तित्व की इस जंग में कांग्रेस ने अपने कई कद्दावर नेता गंवाए हैं, मसलन, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, सुष्मिता देव और प्रियंका चतुर्वेदी ऐसे कुछ नाम हैं जिन्होंने बीते दो सालों में कांग्रेस को टाटा बाय बाय कह दिया। अब जब पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं तो उससे पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा।
अश्विनी कुमार के इस्तीफे के सियासी नुकसान अपनी जगह हैं लेकिन उनका इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद वफादार नेता माने जाते थे और चार दशकों से भी ज्यादा समय से पार्टी से जुड़े हुए थे और तो और उन्होंने सोनिया गांधी का उस वक्त बचाव किया था जब जी 23 के नेताओं ने अगस्त 2020 में चिट्ठी लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी।

Former Union Law Minister Ashwani Kumar Resigns From Congress - कांग्रेस को झटका: पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है कारण - Amar Ujala ...

अब एक नज़र अश्विनी कुमार के पॉलिटिकल बैकग्राउंड पर भी डालते हैं, अश्विनी कुमार साल 1976 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। वे गुरुदासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव बनाए गए थे। एक दशक बाद उन्हें राज्य कांग्रेस में पदाधिकारी नियुक्त किया गया। वे पहली बार 1990 में सुर्खियों में आए जब उन्हें चंद्रशेखर सरकार द्वारा भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। 26 अक्टूबर 1952 को दिल्ली में जन्मे अश्विनी कुमार ने पंजाब युनिवर्सिटी और दिल्ली युनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है, अश्विनी कुमार एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

Punjab Elections 2022: पंजाब चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पार्टी से दिया इस्तीफा

उनके दिवंगत पिता प्रबोध चंद्र स्वतंत्रता सेनानी और गुरदासपुर के कांग्रेस नेता थे, जो पंजाब विधानसभा में विधायक, मंत्री और स्पीकर बने। अश्विनी कुमार साल 2002 से 2016 तक राज्यसभा सांसद भी रहे और UPA-1 के साथ UPA-2 में केंद्रीय मंत्री रहे…कोलगेट मामले की ड्राफ्ट रिपोर्ट बदलने के आरोपों से घिरे अश्वनी कुमार को यूपीए-2 के दौरान इस्तीफा देना पड़ा था। अश्वनी कुमार ने Hope in a Challenged Democracy: An Indian Narrative नाम की एक किताब भी लिखी जो 2017 में प्रकाशित हुई थी।अब जब अश्विनी कुमार ने कांग्रेस से 40 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया है तो कांग्रेस को आत्ममंथन करने की ज़रूरत है।