नई दिल्ली। कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद के लिए आज का दिन अहम है। दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट इंजीनियर राशिद की जमानत अर्जी पर फैसला सुना सकता है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले अगर इंजीनियर राशिद को जमानत मिलती है, तो वहां की सियासी सरगर्मी बढ़ सकती है। इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी ने पहले ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने का एलान कर रखा है।
इंजीनियर राशिद का असली नाम शेख राशिद है। वो यूएपीए के मामले में 2019 से ही जेल में हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में इंजीनियर राशिद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को बारामूला से हराया था। इंजीनियर राशिद पहले भी जम्मू-कश्मीर में विधायक रह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में इंजीनियर राशिद का जन्म हुआ था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में इंजीनियर के पद पर भी काम किया। जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के खिलाफ इंजीनियर राशिद ने जमकर विरोध प्रदर्शन किए थे। साल 2013 में अपनी पार्टी बनाने वाले राशिद 2014 का लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन उसमें हार का सामना करना पड़ा।
इंजीनियर राशिद पर एनआईए ने यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई की थी। इस मामले में इंजीनियर राशिद बीते 5 साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए ने दावा किया है कि इंजीनियर राशिद ने आतंकी गुटों और अलगाववादियों को फंडिंग की। इसी वजह से इंजीनियर राशिद पर यूएपीए एक्ट लगाया गया था। अब राशिद को जेल से बाहर आने की उम्मीद है। जम्मू-कश्मीर की सियासत में इंजीनियर राशिद की रिहाई बड़ा गेम तैयार कर सकती है। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने पहले ही अनुच्छेद 370 की वापसी का चुनावी वादा कर रखा है। ऐसे में सबकी नजर इस पर रहेगी कि जम्मू-कश्मीर के चुनाव में इंजीनियर राशिद क्या वादे कर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारते हैं।