नई दिल्ली। चीन से पकड़कर भारत लाए गए गैंगस्टर प्रसाद पुजारी को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज विशेष मकोका (एमसीओसीए) अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गैंगस्टर प्रसाद पुजारी के खिलाफ मुंबई में हत्या और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ आखिरी मामला साल 2020 में दर्ज किया गया था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पुजारी के गिरोह का सफाया कर उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के डर से पुजारी ने एक चीनी महिला से शादी कर ली थी। साल 2008 में प्रसाद पुजारी को चीन में अस्थायी निवास की अनुमति दी गई थी, जो 2012 में ही समाप्त हो गई थी।
#WATCH | Mumbai Police Crime Branch brings gangster Prasad Pujari to the court. He will be presented before Special MCOCA Court.
He was brought to Mumbai from China by the Mumbai Crime Branch officials earlier this morning. pic.twitter.com/OCxTWrMeZq
— ANI (@ANI) March 23, 2024
प्रसाद पुजारी की मां इंदिरा पर भी मंबई के बिल्डर को धमकाने और दस लाख रुपए की फिरौती मांगने का आरोप लगा था। इससे बाद पुजारी की मां को मुंबई क्राइम ब्रांच ने 2020 में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पुजारी की मां के साथ दो अन्य आरोपियों सुनील अंगने और सुकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया था। पुजारी की मां इंदिरा की गिरफ्तारी के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच को मालूम चला कि पुजारी का यात्रा वीजा खत्म हो गया है। बता दें, प्रसाद पुजारी मुंबई के विक्रोली में शिवसेना नेता चंद्रकांत जाधव पर गोलीबारी की घटना में शामिल था। 19 दिसंबर, 2019 को हुए हमले में चंद्रकांत जाधव बच गए थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था। 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है। इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल है। कानून विश्लेषकों का कहना है कि मकोका लगने के बाद आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिलती है।