नई दिल्ली। पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की कमाल अब गीतिका श्रीवास्तव (geetika srivastava) संभालेंगी। गीतिका श्रीवास्तव विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में गीतिका श्रीवास्तव को वर्तमान प्रभारी (Charge d’Affaires ) सुरेश कुमार के बदले चुना गया है। बता दें कि वर्तमान प्रभारी (Charge d’Affaires) सुरेश कुमार का कार्यकाल समाप्त होने को है। ऐसे में वो उनके (सुरेश कुमार) दिल्ली लौटने की बात कही जा रही है। अब उनके बाद उस पद की कमान गीतिका श्रीवास्तव के हाथों में होंगी। गीतिका श्रीवास्तव इस वक्त काफी चर्चा में हैं क्योंकि ये पहली बार है जब पाकिस्तान में भारतीय मिशन की प्रमुख कोई महिला बन रही है। अब पाकिस्तान में पहली बार इस बड़े ओहदे के लिए उन्हें चुने जाने के बाद से ही हर कोई उनकी प्रशंसा भी कर रहा है।
कौन हैं गीतिका श्रीवास्तव (who is geetika srivastava)
बता दें कि कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग की कमान संभालने जा रही गीतिका श्रीवास्तव 2005 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की वो रहने वाली हैं और इस वक्त वर्तमान में विदेश मंत्रालय के हिंद-प्रशांत प्रभाग में संयुक्त सचिव के रूप में अपनी सेवा दे रही हैं।
💥💥 For the 1st time since Independence, #India’s head of mission in Pakistan will be a woman.
Geetika Srivastava, a 2005 batch IFS officer, will be the new Charge d’Affaires (CDA) in Islamabad. She will succeed Dr M Suresh Kumar who is likely to return to New Delhi. 👍👍👍👇 pic.twitter.com/8CCB01Mz4W
— Naren Mukherjee (@NMukherjee6) August 29, 2023
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि गीतिका श्रीवास्तव धाराप्रवाह चीनी (मंदारिन भाषा) बोलती हैं। इसके अलावा वो विदेश मंत्रालय के आईओआर डिवीजन में निदेशक और कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं।
गीतिका होंगी पाकिस्तान में पहली महिला उच्चायोग प्रमुख
पाकिस्तान में गीतिका श्रीवास्तव की नियुक्ति काफी चर्चा में है क्योंकि सन् 1947 श्री प्रकाश को तत्कालीन पाकिस्तान डोमिनियन में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में भेजा गया था। उनके बाद से ही नई दिल्ली का प्रतिनिधित्व पुरिष राजनयिकों ने किया है। कुल 22 मिशन प्रमुख अब तक यहां रह चुके हैं। हालांकि पाकिस्तान में महिला राजनयिकों की पहले भी तैनाती हुई है लेकिन ये पहली बार है जब इतने बड़े पर्दे पर किसी महिला की नियुक्ति की गई है।