newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Who Is Laishram Kamal Babu: कौन हैं लैशराम कमलबाबू सिंह जिन्हें युद्ध स्तर पर खोज रही है भारतीय सेना, 2000 से अधिक सैनिक, हेलीकॉप्टर और ड्रोन तैनात?

Who Is Laishram Kamal Babu: लैशराम सिंह के लापता होने के बाद से परिवार और स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। उनकी पत्नी अकोईजम बेलारानी के नेतृत्व में सैन्य अड्डे से 2.5 किलोमीटर दूर कांटो सबल में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दी हैं और आरोप लगाया है कि सिंह को उग्रवादियों ने अगवा कर लिया है।

नई दिल्ली। मणिपुर के इंफाल पश्चिम में लापता हुए मेइती समुदाय के लैशराम कमलबाबू सिंह को खोजने के लिए भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस लगातार प्रयास कर रहे हैं। 25 नवंबर, 2024 से लापता 56 वर्षीय सिंह का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उनकी तलाश में 2000 से अधिक सैनिक, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और खोजी कुत्तों को लगाया गया है।

कौन हैं लैशराम कमलबाबू सिंह?

लैशराम कमलबाबू सिंह मणिपुर में इंफाल पश्चिम के खुखरुल इलाके में रहते थे। मूल रूप से असम के कछार जिले के निवासी सिंह, सेना के 57वीं माउंटेन डिवीजन के लेइमाखोंग सैन्य अड्डे पर सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) के ठेकेदार के कार्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत थे। 25 नवंबर को सैन्य अड्डे से अचानक गायब होने के बाद उनका पता नहीं चल पाया है।

सर्च ऑपरेशन जारी, सेना ने झोंकी ताकत

लैशराम कमलबाबू सिंह की तलाश के लिए 25 नवंबर से बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। सेना और मणिपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में 2000 से अधिक सैनिक तैनात हैं। इस अभियान में हेलीकॉप्टर, ड्रोन और सेना के खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। तकनीकी खुफिया जानकारी का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि सिंह का पता लगाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और सैन्य अधिकारियों को सिंह को जल्द से जल्द ढूंढने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घटना की जांच और तेज करने की अपील की है। सिंह के लापता होने के बाद से परिवार और स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। उनकी पत्नी अकोईजम बेलारानी के नेतृत्व में सैन्य अड्डे से 2.5 किलोमीटर दूर कांटो सबल में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दी हैं और आरोप लगाया है कि सिंह को उग्रवादियों ने अगवा कर लिया है।

मणिपुर हिंसा का कनेक्शन?

मणिपुर में पिछले साल मई में शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के चलते कई मेइती समुदाय के लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए थे। कांगपोकपी जिले के इस इलाके में कुकी समुदाय के लोगों का दबदबा है, जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इस हिंसा का सिंह के लापता होने से कनेक्शन हो सकता है।

मामले की गंभीरता बढ़ी

लैशराम कमलबाबू सिंह की गुमशुदगी न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे मेइती समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है। सेना और पुलिस का कहना है कि वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, लापता सिंह का जल्द पता लगाने की उम्मीद के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।