नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन को लेकर ट्रक ड्राइवरों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है। कई राज्यों में सड़कों पर उतरकर ट्रक ड्राइवर इस कानून का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता का प्रस्ताव लेकर आए थे, जिसे अब दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है। उधर, इस कानून के विरोध में देशभर में ट्रक ड्राइवरों ने आवाजाही बंद कर दी है, जिससे आम जनता के लिए इस्तेमाल में आने वाली दैनिक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं।
Truck Driver Protest against BJP Government all over India ! Truck driver Demand Withdrawn Black Law immediately #TruckDriversProtest#ड्राइवर_विरोधी_काला_कानून _नामंजूर#DriverVirodhi_BJP#ड्राइवर_को_अधिकार_दो
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वहीं, अब इस पूरे मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो चुकी है। इसे लेकर कांग्रेस सत्तारूढ़ दल बीजेपी को सवालों के कठघरे में खड़ा कर रही है। बीजेपी का दावा है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए ट्रक ड्राइवरों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। आखिर कौन हैं वो लोग? आगे कि रिपोर्ट में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले आइए जरा ये जान लेते हैं कि आखिर केंद्र सरकार ने कानून में ऐसा कौन-सा बदलाव किया है, जिसे लेकर देशभर के ट्रक ड्राइवर एकजुट होकर विरोध का झंडा बुलंद कर चुके हैं।
#HitandRunLaw: Truck Driver Protest की वजह से देश के बड़े शहरों के #PetrolPump में लगी लोगों की भीड़
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आखिर कानून में क्या बदलाव हुआ ?
दरअसल, बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे बाद में दोनों सदनों से मंजूरी दे दी गई थी। इसके अंतर्गत हिट एंड रन कानून में संशोधन किया गया। पहले जहां किसी को मारकर भागने वाले आरोपी ड्राइवर को 2 साल की सजा सुनाई जाती थी, लेकिन अब इस कानून के वजूद में आने के बाद आरोपी ड्राइवर को 10 साल की सजा देने का मार्ग प्रशस्त किया गया, जिसका देशभर में ट्रक ड्राइवर विरोध कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस कानून को वापस लिया जाए। विरोध प्रदर्शनकर रहे ड्र्राइवरों का कहना है कि कानून हमारे हितों पर कुठाराघात करने के समान है, जिसकी हम आलोचना करते हैं, लेकिन इस बीच एक छोर पर यह चर्चा भी शुरू हो चुकी है कि एक ऐसा सियासी गुट भी है, जो कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए ट्रक ड्राइवरों को मोहरा बना रहा है। हालांकि, अभी तक इस पूरे मसले पर किसी भी राजनीतिक दल का नेता का सामने नहीं आया है, लेकिन आइए जरा नए और पुराने कानून के बीच के अंतर को समझने की कोशिश करते हैं।
Protest by truck driver across the country, #TruckDriversProtest pic.twitter.com/CdGni6k2j0
— The Yadav ❤️🔥 (@the_yadav1) January 2, 2024
पहले क्या होता था:
– रोड एक्सीडेंट में घायल को वहाँ छोड़ कर भाग जाने वाले और घायल को अस्पताल पहुँचाकर उसकी जान बचाने वालों के लिए एक जैसे ही क़ानून थे, एक जैसी ही सजा थी।
क्या ये ठीक था?
अब नये कानून में
– भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) और 106 (2) इस तरह के ग़ैरइरादतन हत्या के अपराध में लगती हैं
– अगर किसी व्यक्ति से गलती से एक्सीडेंट होता है तो और वो घायल को अस्पताल लेकर जाता है या पुलिस/मजिस्ट्रेट को तुरंत सूचित करता है तो ये BNS की धारा 106 (1) के अन्तर्गत आएगा जो जमानती (bailable) होगा। जिससे लोग अपनी ज़िम्मेदारी निभायेंगे और लोगों की जान बच पाएगी।
– अगर कोई व्यक्ति एक्सीडेंट के बाद वहाँ से भाग जाता है (यानी Hit and run) तो उसपर BNS की धारा
-106 (2) लगेगी जो ग़ैर जमानती अपराध होगा और उसमे 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।