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Who is Sukhwinder Singh Sukhu: जानिए कौन हैं सुखविंदर सुक्खू जिन्हें कांग्रेस ने हिमाचल की सौंपी कमान?

Sukhwinder Singh Sukhu : सुक्खू ने 1992 में ही हाथ आज़मा लिया था। 1992 में उन्होंने पहला चुनाव पार्षद का लड़ा। जीते भी और लगातार दो बार पार्षद रहे। लेकिन विधानसभा पहुंचने के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ा। 2003 में उन्हें पहली बार विधायकी का टिकट मिला।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर मचे सियासी खींचतान अब खत्म हो चुकी है। कांग्रेस के बहुमत में आने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को अनुभव के आधार पर हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया है। कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। इसके बाद अब कल 11:00 बजे सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर इसलिए मुहर लगाई गई है, क्योंकि उनकी पकड़ हिमाचल में काफी अच्छी है. लोगों का विश्वास उनपर काफी ज्यादा है। वहीं विधायकों को जोड़कर रखने की ताकत भी सुखविंदर सिंह सुक्खू में ज्यादा है।आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता पेशे से एक ड्राइवर थे, एक ड्राइवर के बेटे का मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

कौन हैं नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू?

आपको बता दें कि 58 वर्षीय सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस कैंपेन कमेटी के प्रमुख हैं। वह हिमाचल में रिकॉर्ड 5वीं बार विधायक चुने गए हैं। इस बार उन्होंने भाजपा के विजय अग्निहोत्री को हराया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हुआ है। उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू के दो बेटियां हैं।

छात्र नेता के रूप में की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत 

आपको बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी। वे कॉलेट छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष भी रहे। सुखविंदर सिंह दो बार शिमला नगर निगम पार्षद चुने गए। साल 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख पद तक पहुंचे से लेकर 2019 तक राज्य इकाई के प्रमुख बने रहे। गौरतलब है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू साल 2003, 2007, 2017 में हमीरपुर जिले की नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वहीं। 2022 के चुनाव में भी उन्होंने नादौन सीट पर शानदार जीत दर्ज की है।

1992 में लड़ा था पार्षद का चुनाव

अगर सुखविंदर सिंह के चुनावी सफर की बात करें तो सुक्खू ने 1992 में ही हाथ आज़मा लिया था। 1992 में उन्होंने पहला चुनाव पार्षद का लड़ा। जीते भी और लगातार दो बार पार्षद रहे। लेकिन विधानसभा पहुंचने के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ा। 2003 में उन्हें पहली बार विधायकी का टिकट मिला। इसी के साथ वो लगातार दो बार विधायक चुने गए। लेकिन 2012 में उन्हें विजय अग्निहोत्री ने हरा दिया था। 2017 में उन्हें नादौन की जनता ने एक बार फिर अपना नेता चुन लिया था।

प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष रहे

लेकिन, गौर करने वाली बात ये है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू तीन बार विधायक रहे। प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष रहे। बावजूद इसके वीरभद्र की किसी सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया लेकिन इस बार किस्मत सुक्खू के साथ थी और मुख्यमंत्री का ताज उन्हीं के सिर सजा। सुखविंदर सिंह हिमाचल की राजनीति को करीब से समझते हैं इसलिए उन्हें एक सही चेहरा माना जा रहा था।