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Who is Amritpal Singh: कौन है अमृतपाल सिंह? जिसे खालिस्तान की मांग करना पड़ा महंगा

Who is Amritpal Singh: आंदोलन को धार देने के लिए अमृतपाल दुबई से दिल्ली आया। दरअसल, पिछले 10 सालों से वह दुबई में रह था। एक आधुनिक युवा की भांति अपना जीवन जी रहा था, लेकिन बाद उसने अपना पूरा जीवन खालिस्तान आंदोलन के प्रति समर्पित कर दिया।

नई दिल्ली। आखिरकार पंजाब पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद ही सही, लेकिन अमृतपाल सिंह सहित उसके 6 साथियों को दबोच ही लिया। आज सुबह 9 बजे से ही अमृतपाल और उसके साथियों की तलाश जारी थी। पहले उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया और बाद में खबर आई कि अमृतपाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, उसे कहां रखा गया है, इस बारे में किसी के पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि उसे किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है और पुलिस अभी उससे पूछताछ कर रही है। बहरहाल, आगामी दिनों में अमृतपाल सहित उसके साथियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए जरा तफसील से जानते हैं कि आखिर ये अमृतपाल सिंह है कौन?, जिसने दिल्ली से लेकर पंजाब तक मचा दिया बवाल।

amritpal singh

अमृतपाल के बारे में बताया जाता है कि वह वारिस पंजाब दे संगठन का सरगना है। इस संगठन का मुख्य मकसद खालिस्तान मुल्क को मूर्त रूप देना है और इसे मूर्त रूप देने की दिशा में भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, पाकिस्तान और कनाडा जैसे मुल्कों में भी इसके लोग एक्टिव हो चुके हैं। संभवत: पुलिस के हत्थे चढ़े अमृतपाल सिंह से इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। अमृतपाल से पूर्व वारिस पंजाब दे संगठन की कमान दीप सिद्धू के हाथों में थी। अब दीप सिद्धू कौन है? दरअसल, सिद्धू किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आया था। सिद्धू पर आंदोलन में हिंसा फैलाने का आरोप था। 26 जनवरी के मौके पर लाल किले की प्राचीर पर किसी विशेष समुदाय का झंडा भी उसी पर फहराने का आरोप लगा था।

khalistan supporter amritpal singh 1

 

यही नहीं, गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान सिद्धू और उसके समर्थकों ने कई पुलिसकर्मियों को निशाने पर लिया था, जिसमें कई जवान चोटिल हो गए थे, जिसके बाद आरोप लगा कि इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों ने हिस्सा लेकर देश का माहौल हिंसात्मक करने की कोशिश की। इस प्रकरण में मुख्य रूप से दीप सिद्धू का नाम प्रकाश में आया था। जिसके बाद उसकी कार दुर्घटना के दौरान मौत हो गई। इसके बाद वारिस पंजाब दे संगठन की कमान अमृतपाल को सौंप दी गई और उसे यह जिम्मेदारी भी दी गई कि खालिस्तान आंदोलन को प्रखर करें।

बताया जाता है कि आंदोलन को धार देने के लिए अमृतपाल दुबई से दिल्ली आया। दरअसल, पिछले 10 सालों से वह दुबई में रह था। एक आधुनिक युवा की भांति अपना जीवन जी रहा था, लेकिन बाद में उसने अपना पूरा जीवन खालिस्तान आंदोलन के प्रति समर्पित कर दिया। यही नहीं, बीते दिनों उसने मीडिया से यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया था कि अगर हिंदू अपने लिए हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो भला हम खालिस्तानी मुल्क की मांग क्यों नहीं कर सकते। उसके इस बयान के बाद खूब बवाल हुआ। यही नहीं, कई बार उसने खालिस्तान के नाम पर पंजाब के युवाओं को बरगलाने की कोशिश की। वो खुद को सिख समुदाय का पंथरक्षक बताता है और भिडंरावाला को अपना गुरु मानता है। बता दें कि भिडंरावाला की ब्लू स्टार ऑपरेशन क दौरान मौत हो गई थी। अमृतपाल ने ब्रिटेन की एक एनआरआई महिला से शादी की, लेकिन बाद में वह भारत लौट आया।

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बीते दिनों अमृतपाल ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर कई जहरीले बयान दिए थे, जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुट चुकी थी। यही नहीं, उसने कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए अपने अजीज लवली सिंह तूफान को जेल से रिहा करवा लिया था, जिसके बाद पंजाब की मान सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ गई थी। लेकिन, कथित तौर पर मान ने पूरे मामले की सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय को देने के बाद अमृतपाल को पकड़ने की दिशा में प्रतिबद्धता जताई थी। खबर है कि सीएम मान अभी-भी गृह मंत्रालय के संपर्क में बने हुए हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल के खिलाफ क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।