
नई दिल्ली। जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली सप्रसिद्ध महिला किसान कमला पुजारी का आज निधन हो गया। वह 76 वर्ष की थीं और पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। कमला पुजारी ने चावल की 100 से अधिक किस्मों की खेती कर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई थी। कृषि के क्षेत्र में इस अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने 2019 में कमला पुजारी को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। ओडिशा सरकार ने भी 2004 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला किसान पुरस्कार से सम्मानित किया था। कमला पुजारी किडनी संबंधी बीमारी के चलते कई दिनों से बीमार थीं। दो दिन पहले ही उनको कटक के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कमला पुजारी से बहुत ही प्रभावित थे। पीएम ने उनके निधन से पर शोक संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कमला पुजारी को याद करते हुए लिखा, कमला पुजारी जी ने कृषि में उल्लेखनीय योगदान दिया, विशेष रूप से जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और स्वदेशी बीजों की रक्षा करने में। स्थिरता को समृद्ध करने और जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में भी एक प्रकाश स्तंभ थीं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ऊं शांति।
मूल रूप से ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं कमला पुजारी ने गांव-गांव घूमकर महिलाओं और पुरुषों को जैविक खेती और जैविक उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक किया था। धान की 100 से ज्यादा किस्मों को संरक्षित करने के साथ ही उन्होंने कई तरह की हल्दी, जीरा आदि को भी संरक्षित किया था। उधर, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी कमला पुजारी के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कराए जाने की घोषणा की।