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Who Was Krishnanand Rai: कौन थे कृष्णानंद राय? जिनकी हत्या के मामले में अंसारी बंधुओं को कोर्ट ने सुनाई सजा

Who Was Krishnanand Rai: बताया जाता है कि उस वक्त कृष्णानंद राय भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में क्रिकेट मैच में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किए गए थे। उसी वक्त अंसारी गैंग ने बसनिया चट्टी के पास कृष्णानंद राय सहित सात अन्य लोगों को एके-47 से 500 राउंड फायरिंग करके भून दिया।

नई दिल्ली। यह कहना गलत नहीं होगा कि 18 साल बाद मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी को उनके किए की सजा मिल चुकी है। कभी दोनों माफियाओं की सूबे में तूती बोला करती थी, लेकिन आज ये सलाखों के पीछे किसी भिगी बिल्ली जैसे नजर आ रहे हैं। मुख्तार को बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई और पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है, तो वहीं उसके भाई अफजाल अंसारी को भी इसी मामले में चार साल की सजा सुनाई गई है। वैसे भी मुख्तार पिछले 16 सालों से विभिन्न मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद मऊ के बांदा जेल में बंद है। उसकी पत्नी आफ्शा आंसारी भी फरार है। जिसके खिलाफ बीते दिनों इनाम की राशि बढ़ाई गई थी और विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था। वहीं, अब कृष्णानंद राय हत्या मामले में दोनों माफिया ब्रदर्स को सजा सुनाई गई है। चलिए इस रिपोर्ट में जान लेते हैं कि आखिर कृष्णानंद राय कौन थे, जिनकी हत्या के मामले में दोनों माफिया ब्रदर्स को सजा सुनाई गई है।

कौन थे कृष्णानंद राय

कृष्णानंद राय बीजेपी के कद्दावर नेता थे। नेता भी कोई छोटे-मोटे नही जो बोलते थे, वो करके दिखाते थे। साल 2002 के विधानसभा चुनाव की बात थी। इस विधानसभा चुनाव में मोम्मदाबाद चुनाव में अंसारी बंधुओं को ऐसी चुनौती दी कि उन्हें अपना राजनीतिक जीवन खतरे में नजर आने लगा। कृष्णानंद राय के करिशमाई नेतृत्व के आगे अंसारी बंधुओं का खौफ भी फीका नजर आ रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए मुख्तार ने कृष्णानंद राय को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी गैंग ने 29 नंवबर 2005 को कृष्णानंद राय को 500 राउंड गोलियां चलाकर मौत के मुंह में धकेल दिया। इस हत्या के बाद पूरा पूर्वांचल धर्रा गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में मुख्तार का गुर्गा मुन्ना बजरंगी का नाम भी सामने आया था। उसी ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद पूरे मामले की जांच पुलिस को सौंपी गई है और पुलिस ने मामले में अहम खुलासा किया।

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मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल अंसारी।

पुलिस ने क्या खुलासा किया

पुलिस के मुताबित, मोहम्दाबाद सीट पर बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की जीत अंसारी बंधुओं रास नहीं आई और उन्होंने उन्हें रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। पुलिस का कहना था कि अंसारी बंधु कृष्णानंद राय की जीत से बौखला गए थे। उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य खतरे में नजर आने लगा। उन्हें लगा कि कृष्णानंद राय अगर रहा तो उनका राजनीति में जम रहा सिक्का उखड़ जाएगा। इसके बाद मुख्तार ने मुन्ना बजरंगी का सहारा लेकर कृष्णानंद राय को रास्ते से हटा दिया।

कैसे हुई कृष्णानंद राय की हत्या

बताया जाता है कि उस वक्त कृष्णानंद राय भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में क्रिकेट मैच में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किए गए थे। उसी वक्त अंसारी गैंग ने बसनिया चट्टी के पास कृष्णानंद राय सहित सात अन्य लोगों को एके-47 से 500 राउंड फायरिंग करके भून दिया। इस मामले में मुख्तार और उसके भाई अफजाल अंसारी आरोपी बनाए गए थे, लेकिन सीबीआई अदालत ने सबूतों के अभाव में दोनों माफिया ब्रदर्स को बरी कर दिया था। इसके बाद दोबारा मामले की जांच शुरू हुई, तो 23 सितंबर 2022 को मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर आरोप तय किए गए। 1 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी हुई है। पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था, लेकिन पीठासीन न्यायाधीश के स्थानंतरण की वजह से फैसला आने में विलंब हो गया। बहरहाल, देर से ही सही, मुख्तार और उसके भाई अफजाल के गुनाहों का हिसाब हो गया। लेकिन, अब जिस तरह से इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है , वो कितने चरितार्थ हो पाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।