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Who was Sanjeev Maheshwari: कौन था संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा? जिसे लखनऊ कोर्ट परिसर में गोलियों से भून दिया गया

अपराध की दुनिया में संजीव उर्फ जीवा ने अपने खौफ की दास्तां की शुरुआत नब्बे के दशक  में लिखना शुरू की थी। संजीव मुख्तार अंसारी का करीबी और  शूटर था। वो कई मामलों में अभियुक्त था। मुजप्फरनगर का रहने वाला जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में भी सामने आया था।

नई दिल्ली। लखनऊ कोर्ट परिसर में माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी और बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त दिवेदी की हत्या में आरोपी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को वकील के भेष में आए एक हमलावर ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। इस फयारिंग की जद में आकर एक मासूम बच्ची, महिला और एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। वहीं, बच्ची के बारे में खबर है कि अब उसकी हालत स्थिर है। इसके अलावा घायल पुलिस सिपाही का उपचार जारी है। बता दें कि 3 : 45  मिनट पर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को पुलिस अभिरक्षा में कोर्टरूम में लाया जा रहा था, तभी एकाएक वकील के भेष में आया हमलावर उस पर फायरिंग करता है। गोली लगने के बाद जीवा की मौके पर ही मौत हो जाती है।

इस घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच जाता है। इसके बाद  पुलिस मौके पर मौजूद अधिवक्ता हमलावर को  पकड़ लेती है और उसे खूब पीटती है। वहीं, पुलिस ने हमवावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब पुलिस उससे पूछताछ करेगी और यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिर उसे किसने भेजा था और उसने जीवा को क्यों मौत के घाट उतारा ?  हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर का नाम विजय वर्मा बताया जा रहा है। वह जौनपुर का रहने वाला है। वहीं, इस हत्याकांड के बाद  सूबे की योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ चुकी है। ध्यान दें कि आज से 50 दिन पहले भी पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और उसके  भाई अशरफ को मीडियकर्मियों के भेष में आए हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया था।

कौन संजीव उर्फ जीवा  

अपराध की दुनिया में संजीव उर्फ जीवा ने अपने खौफ की दास्तां की शुरुआत नब्बे के दशक  में लिखना शुरू की थी। संजीव मुख्तार अंसारी का करीबी और  शूटर था। वो कई मामलों में अभियुक्त था। मुजप्फरनगर का रहने वाला जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में भी सामने आया था।  वो लंबे समय से मैनपुरी के जेल में बंद था। जीवा ने अपने खौफ की दास्तां कोलाकाता में एक कारोबारी के बेटे का अपहरण करके शुरू किया था। इसके बाद उसने उस कारोबारी से उसके बेटे को देने के वास्ते 2 करोड़ रुपए की फिरौती भी मांगी थी। जीवा ने 10 फरवरी 1997 को भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वह मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया था। जिसके बाद वो माफिया का शूटर भी बन गया।

सवालों के घेरे में योगी सरकार 

कोर्ट परिसर में पुलिस की मौजूदगी में जिस तरह वकील के भेष में आए हमलावर ने गैंगस्टर संजीव महेश्वरी  उर्फ जीवा को मौत के घाट उतारा है,  उसे लेकर योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ चुकी है। पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस हत्याकांड पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सरकार की ओर से इस पूरे मसले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।