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Jitendranand Saraswati Angry At Avimukteshwaranand Saraswati : आखिर क्यों अखिल भारतीय संत समिति के निशाने पर आए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती?

Jitendranand Saraswati Angry At Avimukteshwaranand Saraswati : स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हर उस स्थान पर जहां नकारात्मक प्रसिद्धि मिलती हो अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जाना, सनातन धर्म की मान मर्यादा का मर्दन करना, चाहे श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करना हो या केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी होने के आरोप लगाना अथवा अंबानी परिवार के विवाह में जहां संन्यासियों का जाना वर्जित है यह दर्शाता है कि व्यक्ति प्रचार और प्रसिद्धि का इतना भूखा है जिसे सनातन धर्म और संन्यास की मर्यादा भी नहीं पता।

नई दिल्ली। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा उद्धव ठाकरे के समर्थन वाला बयान अब विवाद का कारण बन गया है। अखिल भारतीय संत समिति ने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बयान पर नाराजगी जताते हुए उनको निशाने पर लिया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में जिस तरह का राजनीतिक बयान दिया है संत समाज यह जानना चाहता है कि उद्धव के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहने के दौरान पालघर में जिस तरह से संतों की पीट-पीटकर हत्या की गई थी तब उन संतों के बारे में जुबान क्यों नहीं खुली?

हर उस स्थान पर जहां नकारात्मक प्रसिद्धि मिलती हो अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का उस स्थान पर जाना, सनातन धर्म की मान मर्यादा का मर्दन करना, चाहे श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करना हो या केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी होने के आरोप लगाना अथवा अंबानी परिवार के विवाह में जहां संन्यासियों का जाना वर्जित है यह दर्शाता है कि व्यक्ति प्रचार और प्रसिद्धि का इतना भूखा है जिसे सनातन धर्म और संन्यास की मर्यादा भी नहीं पता। राम जन्मभूमि पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद रामालय न्यास के नाम पर जो सोना इकट्ठा हुआ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को उस सोने का हिसाब देश को देना चाहिए। केदारनाथ का सोना तो चोरी नहीं हुआ मगर रामालय न्यास द्वारा राम जन्म भूमि के नाम पर सोना जरूर लूटा गया है।

गौरतलब है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सोमवार को उद्धव ठाकरे के घर गए थे। उन्होंने कहा था कि उद्धव के साथ नाइंसाफी हुई है, महाराष्ट्र की जनता उनको सीएम पद पर देखना चाहती है। जब तक वह फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, तब तक लोगों का दर्द कम नहीं होगा। इसके अतिरिक्त स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना चोरी होने का भी आरोप लगाया था।