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World Water Day 2022: आखिर क्यों जरूरी है जल संरक्षण?, जानिए घर में पानी बचाने के उपाय और कई तरीके

World Water Day 2022: दुनिया भर में असमान जल वितरण है कहीं भरपूर मात्रा में पानी है तो कहीं बारिश के साथ-साथ भूजल की भी कमी है। जिसकी वजह से  अधिकांश आबादी को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

नई दिल्ली। देश-दुनिया पर मंडरा रहे जल संकट से उबरने के लिए हर साल ‘विश्व जल दिवस’ मनाया जाता है। इसके तहत लोगों को जल के महत्व और समय रहते उसके संरक्षण की उपियोगिता के बारे में जागरुक किया जाता है। इसके लिए नाटक, कविताओं, भाषण, पोस्टर, तस्वीरों और स्लोगन आदि माध्यमों का सहारा लिया जाता है। इसके लिए हर साल एक थीम तैयार की जाती है। इस साल की थीम ‘IGRAC’ यानी ‘इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंटर’ द्वारा प्रस्तावित ‘Groundwater: Making The Invisible Visible’ है।

जल संरक्षण की परिभाषा

जल संरक्षण पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने और इसके अपव्यय या अनावश्यक उपयोग को कम करने की एक प्रथा या नीति है।

जल संरक्षण का महत्व

दुनिया भर में असमान जल वितरण है कहीं भरपूर मात्रा में पानी है तो कहीं बारिश के साथ-साथ भूजल की भी कमी है। जिसकी वजह से  अधिकांश आबादी को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। अगर आने वाली पीढ़ी को हम स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराना चाहते हैं तो हमें अभी से चेतने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें कुछ खास बातों को ध्यान में रखना होगा।

1.पानी पीते समय गिलास को जूठा नहीं करना चाहिए। एक व्यक्ति के दिनभर में हुए जूठे गिलास को धोने में करीब 20 लीटर पानी हर दिन खर्च हो जाता है, जिसे बचाया जा सकता है।

2.सुबह मंजन करते समय मग में पानी लेकर कुल्ला करें। नल खुला रखकर मंजन करने पर प्रति व्यक्ति लगभग 10 लीटर पानी रोज बहाता है।

3.फव्वारें, नल चालू करके या टब में नहाने की बजाय बाल्टी में पानी लेकर मग से नहाएं।

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4.बर्तन धोने, कपड़े धोने, हाथ धोने और शेविंग आदि के लिए भी मग और बाल्टी का इस्तेमाल करें, न कि खुले नल का। इससे हम लगभग कई लीटर पानी बचा सकते है।

5.फर्श की धुलाई करने की बजाय उस पर पोंछा लगाकर सफाई करें।

6.सब्जियों और फलों को सीधे नल के नीचे धोने की जगह बर्तन में पानी लेकर धोएं। सब्जियों के धुले हुए पानी का उपयोग घर के दूसरे कामों जैसे पौधों या पोंछे में इस्तेमाल करें।

7.शौचालय में फ्लैश टैंक के उपयोग की जगह छोटी बाल्टी से पानी डालें, क्योंकि फ्लैश टैंक के उपयोग से 20 लीटर पानी हर बार खर्च होता है। जबकि बाल्टी से केवल 5 लीटर पानी ही खर्च होता है। इसके अलावा आजकल ऐसे टॉयलेट भी बाजार में आने लगे हैं जिनमें फ्लैश टैंक के ऊपर ही वॉश बेसिन लगा होता है। वॉश बेसिन से निकला पानी नीचे फ्लैश टैंक में एकत्रित होता रहता है। जिसका उपयोग ट्वायलेट में किया जा सकता है।

8.वाहनों की धुलाई के लिए बाल्टी और कपड़े का प्रयोग करें न कि हॉज पाइप का। इससे हम 30 व 60 लीटर पानी बचा सकते हैं।

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9.गिलास में उतना ही पानी लें जितनी प्यास हो, आधा पानी पीकर नाली में न बहा दें। ऐसा करके एक व्यक्ति दिनभर में लगभग 5 से 10 लीटर पानी बचा सकता है।

10.पानी का जल संरक्षण और शुद्धिकरण की सामान्य तकनीकों का उपयोग करें। इससे लगभग लगभग 76 प्रतिशत पानी को दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

11.टपकते हुए नल और लीकेज की रिपेयरिंग कराएं।

12.त्योहारों को मनाने में भी कोशिश करें कि कम से कम पानी का उपयोग हो। जैसे बीती होली पर उदयपुर में शहरवासयों ने को ‘सूखी होली’ या ‘तिलक होली’  के रूप में मनाया और लगभग 50 लाख लीटर पानी की बचत की।

13.इसके अलावा ‘रेन हार्वेस्टिंग’ के किसी तरीके को अपनाकर न केवल काफी मात्रा में पानी की बचत की जा सकती है, बल्कि भविष्य के लिए जल संरक्षण भी किया जा सकता है।